चाइनीज झालरों के विरुद्ध गणेश-लक्ष्मी प्रतिमा और सुसज्जित दीपकों के विशेष पैकेट का स्टाल लगाया गया
आजमगढ़। उन दीपों से मने दिवाली, जिसमें देश की माटी हो, शिल्प कला कुम्हारों की हो, संस्कृति देश की खाटी हो.... कि सोच को सार्थकर्ता प्रदान करते हुए दीपोत्सव पर्व के पूर्व सामाजिक संगठन प्रयास ने अपने नेक प्रयासों को जारी रखते हुए कुम्हार भाईयों के हाथों को मजबूत करने को हाथ बढ़ाया है। शहर के नरौली चौराहा के समीप गणेश-लक्ष्मी प्रतिमा और सुसज्जित दीपकों से युक्त विशेष पैकेट की बिक्री हेतु स्टाल लगाकर चाइनीज झालरों के विरूद्ध खास तरह के अभियान को गति प्रदान किया है। प्रयास प्रमुख रणजीत सिंह ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस बार भी कुम्हार भाइयों को उचित मूल्य दिलाने का अभियान है। दीपोत्सव की खुशियां कुम्हार के घरों तक पहुंचाने के लिए संगठन द्वारा नई पहल ईजाद किया गया। वर्तमान में दीपोत्सव के मौके पर चाइनीज झालर आदि का अधिकतम प्रयोग किया जा रहा है, जिसके कारण कुम्हार के दीपक की बिक्री कम हो गयी जबकि इन्हीं मिट्टी के सामानों को निर्मित कर उनका परिवार चलता है इसलिए प्रयास ने एक विशेष पैकेट तैयार कराया जिसमे कुम्हारों द्वारा निर्मित गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा के साथ-साथ दीया-बाती, पूजन अर्चन की सामग्रियां के संग्रहण कर उनकी बुकिंग कर विक्रय का तरीका निजात किया है, जिसके लाभ का हिस्सा कुम्हार बंधुओं को दिया जायेगा ताकि उनके घरों में दीपोत्सव की खुशियां पहुंच सकें। स्टाल पर पहले दिन 48 व्यक्तियों ने सामानों की खरीदारी कर कुम्हारकारी को संबल प्रदान किया। प्रयास के मण्डल अध्यक्ष राणा बलवीर सिंह ने बताया कि नगर के बाजारों का लाभ दूरदराज स्थित उन कुम्हारों के परिवार को मिल सके, जो कम साधन संपन्न है तथा अपने उत्पाद शहर तक लेकर आने में असमर्थ है। इस दौरान प्रयास की टीम ने एक स्वर से उन दीपों से मने दिवाली, जिसमें देश की माटी हो, शिल्प कला कुम्हारों की हो संस्कृति देश की खाटी हो के साथ विदेशी सामानों का पुरजोर बहिष्कार का आह्वान किया। इस मौके पर ई. सुनील यादव, राजीव शर्मा, मोनू विश्वकर्मा, शंभू दयाल सोनकर, रामसूरत चौहान, हरिश्चंद्र, अतुल श्रीवास्तव, डॉ वीरेंद्र पाठक, सूर्यबली प्रसाद, शंकर दयाल सोनकर, डॉ. हरगोविंद विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।
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