जिले के दुर्वासा, भैरवनाथ व अवंतिकापुरी धाम पर लगा मेला
आजमगढ़: कार्तिक पूर्णिमा पर जिले के पवित्र नदियों के संगम और सरोवरों में हजारों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान दुर्वासा, भैरवनाथ, अवंतिकापुरी धाम पर मेला लगा और लोगों ने स्नान-ध्यान के बाद जमकर खरीदारी की। इस बार प्रशासन की बंदिशों के कारण बाहर की दुकानें तो नहीं आई थीं लेकिन स्थानीय दुकानदारों ने पूरी तैयारी की थी। रानी की सराय में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल अवंतिकापुरी में दिन निकलने के साथ लोगों ने 84 बीघे में फैले पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई। इस दौरान आसपास के मंदिरों में घंटो की गूंज होती रही। यहां स्नान का अलग ही महत्व है। मान्यता के अनुसार राजा जन्मेजय ने यहीं पर सर्प वंश के विनाश के लिए यज्ञ किया था। यहां स्नान के बाद खिचड़ी दान की परंपरा के कारण लोगों ने गरीबों को कच्ची खिचड़ी का दान किया। अवंतिका सेवा समिति के सदस्य श्रद्धालुओं के सहयोग में लगे रहे। फूलपुर में दुर्वासा धाम स्थित तमसा और मंजूसा नदियों के संगम में स्नान के लिए एक दिन पहले ही जुटान हो गई थी और सोमवार को भोर से ही लोगों ने स्नान शुरू किया तो अनवरत जारी रहा। स्नान के बाद लोगों ने मेले का आनंद लिया। महराजगंज के भैरव धाम स्थित पवित्र सरोवर में हजारों भक्तों ने डुबकी लगाकर बाबा भैरवनाथ का दर्शन-पूजन किया। हालांकि कोरोना के कारण शासन की गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए स्थानीय दुकानदारों ने ही दुकान लगाई थी। स्नान के पश्चात फूल, माला, बताशा, नारियल, चुनरी, काली मिर्च, हलवा-पूरी, अगरबत्ती आदि बाबा के चरणों में अर्पित कर पूजा-अर्चना किया। वहीं मिन्नत के अनुसार श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण भी किया। परिसर में लगे मेले में लोहे और लकड़ी के कृषि यंत्रों, खिलौने, सौंदर्य प्रसाधन व चटपटे व्यंजनों तथा मिठाइयों की खूब खरीदारी हुई।
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