सपा के ज्ञापन में किसान और मजदूर विरोधी कानून वापस लेने की मांग की गई
आजमगढ़: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर भाजपा सरकार द्वारा पारित किसान व श्रमिक विरोधी कानून को वापस लेने की मांग करते हुए सपा नेताओं ने राज्यपाल को सम्बोधित मांग-पत्र जिलाधिकारी को दिया। समाजवादी पार्टी कार्यालय कलेक्ट्री कचहरी से पार्टी नेता पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, विधायक आलमबदी, संग्राम यादव, कल्पनाथ पासवान, महासचिव हरिप्रसाद दूबे, प्रदीप कुमार यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व विधायक बेचई सरोज, जयराम सिंह पटेल, कमलेश आर्य, किशोर कुमार यादव, रामप्रवेश, देवकी चैहान, चन्द्रशेखर यादव, ओमप्रकाश राय, लालजीत यादव, अभिषेक, सपना निषाद आदि नेता ’किसान-श्रमिक विरोधी कानून वापस लो-वापस लो’ समाजवादी पार्टी-अखिलेश यादव जिन्दाबाद का नारा लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तथा ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों और श्रमिकों के हितों पर कुठाराघात करने वाली नीतियां लागू कर रही है। पूॅजीपतियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों और श्रमिकों को बर्बादी के रास्ते पर धकेलना चाहती है। देश की खेती-किसानी तो बर्बाद होगी ही, मजदूरों की स्थित फैक्ट्री मालिकों के सामने बंधुवा जैसी रहेगी। सरकार का कदम अन्यायपूर्ण है और नये कृषि कानून से किसानों का मालिकाना हक छिन जायेगा। कृषि मण्डिया समाप्त हो जायेगी। फसली अनाज आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर होंगे। आढ़तिये और बड़े व्यापारी औने-पौने में अनाज खरीदेंगे। सपा नेताओं ने कहा कि कान्ट्रैक्ट खेती से किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर हो जायेगा। उपज का मूल्य व्यापारी तय करेगा जो लागत से भी कम होगा और किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होगा। श्रमिक विरोधी कानून लागू कर केन्द्र की भाजपा सरकार श्रमिकों को फैक्ट्री मालिकों के रहमा-करम पर छोड़ दी है। जब चाहे मिल मालिक श्रमिकों को हटा सकता है। नये श्रमिक कानून से श्रमिकों के सामने भूखमरी की स्थिति आ जायेगी। ज्ञापन के माध्यम से समाजवादी पार्टी ने मांग किया किसान और मजदूर विरोधी कानून वापस लिया जाय।
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