भारी बरसात के चलते बढ़ी तमसा तो बांध के रेगुलेटर से हुआ था रिसाव
इलाके में 04 दिनों से भरा है पानी, दुश्वारियां झेल रहे हैं निवासी
आजमगढ़। तमसा के जलस्तर में हुई बढ़ोत्तरी के चलते बवाली मोड़ के पास स्थित रेगुलेटर से रिसाव हुआ। जिसके चलते बांध के दूसरे तरफ स्थित बागेश्वर नगर में पानी भर गया है। बागेश्वर नगर में हुए जल जमाव हुए चार दिन से अधिक का समय हो चुका है, जिसके चलते लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई है। पेयजल की परेशानी के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। जमा पानी से अब दुर्गंध उठने लगा है। प्रशासन ने न तो जल निकासी समुचित व्यवस्था की है न ही दवा आदि का ही छिड़काव किया गया है। जिसके चलते लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई है। मात्र 2 दिनों की बरसात से जिले की जीवनदायिनी कहीं जाने वाली तमसा के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी हुई है। जलस्तर अभी भी स्थिर ही पड़ा हुआ है। बवाली मोड़-करतालपुर बंधा से तमसा का पानी सट गया है। चार दिनों पूर्व बंधे के रेगुलेटर नंबर एक से तमसा के पानी का रिसाव होने लगा। जब तक रेगुलेटर से रिसाव को रोका जाता तब तक काफी मात्रा में पानी बंधे के दूसरे तरफ स्थित बागेश्वर नगर कालोनी में भर गया। जल जमाव के चलते कोलोनी वासियों को काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। पानी की निकासी के लिए नपा प्रशासन ने पंप लगाया है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। अब तक नपा प्रशासन ने यहां दवा आदि का छिड़काव नहीं किया है, जिससे मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है। लोग परेशान है और शिकायत के बाद भी कहीं कोई सुनवाई न होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जल जमाव के चलते अब लोगों के घरों में लगे हैंडपंप व समरसेबल पंप दूषित पानी आने लगा है। जिसके चलते कालोनी के लोगों मे समक्ष पेयजल की किल्लत भी उत्पन्न हो गई है। लोग डिब्बा वाला पानी खरीद कर पीने को मजबूर है। नपा प्रशासन ने बागेश्वर नगर में जमा हुए तमसा के पानी को बाहर निकालने के एक पंप लगाया हुआ है। जो नाकाफी साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कम से कम तीन से चार पंप लगाया जाए तो जल्द पानी निकाला जा सकता है लेकिन नपा प्रशासन व जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। रेगुलेटर से रिसाव तो बंद हो गया है लेकिन शहर का पानी अब भी यहां एकत्र हो रहा है। हाल यह है कि अब बागेश्वर नगर कालोनी वासी नारकीय जीवन जी रहे है। पूरे क्षेत्र में जमा तमसा का पानी सड़ने लगा है और उससे दुर्गंध भी उठ रही है। इतना ही नहीं मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोगों का रात में सोना तो दूर दिन में खुले में बैठना भी मुश्किल हो गया है।
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