हेल्प डेस्क स्थापित कर स्टाफ तैनात करें, सोशल डिस्टेनसिंग, थर्मल स्कैनर , पल्स ऑक्सीमीटर व सैनिटाइजर की व्यवस्था करें सभी चिकित्सालय - डीएम
आजमगढ़ 23 अगस्त-- जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने निर्देशित किया है कि जनपद के समस्त निजी चिकित्सालयों में कोरोना हेल्प डेस्क स्थापित किया जाय, जिसके सम्बंध में समय-समय पर समस्त निजी/राजकीय चिकित्सालयों को निर्देश निर्गत किये जा चुके हैं। शासन के निर्देश के क्रम में सभी निजी चिकित्सालयों को कोरोना महामारी (कोविङ-19) से बचाव के दृष्टिगत जनपद के निजी चिकित्सालयों में हेल्प डेस्क पर पर्याप्त पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती करते हुए मेडिकल स्टाफ नामित किया जाय। निजी चिकित्सालय में आने वाले रोगियों का सम्पूर्ण विवरण दर्ज करने हेतु रजिस्टर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। हेल्प डेस्क स्थापितके अनुसार मरीजो के बैठने की व्यवस्था की जाय। थर्मल स्कैनिंग हेतु इन्फारेड थर्मामीटर की व्यवस्था की जाय। आक्सीजन, सेचूरेशन नापने हेतु पल्स आक्सीमीटर की व्यवस्था की जाय। सेनिटाइजर की व्यवस्था की जाय, चिकित्सालय परिसर में इस आशय का साईनबोर्ड लगाया जाय, जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया जाय कि हेल्प डेस्क में बुखार व फ्लू के रोगियों की जाँच की जाती है। उक्त के अतिरिक्त स्टीकर/बैनर चिकित्सालय परिसर में आमजन को जागरुक करने के लिए लगाया जाय। फ्लू कार्नर की व्यवस्था की जाय। चिकित्सालय परिसर को नियमित रुप से बार-बार हाइपोक्लोराइड सेल्यूशन के माध्यम से सेनिटाइज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। चिकित्सालय में आने वाले गम्भीर रोगियों जिन्हें किडनी, लीवर, कैंसर, मधुमेह, हाइपर टेंशन व चेस्ट आदि की गम्भीर बीमारी है, की सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी आजमगढ़ द्वारा उपलब्ध करायी गयी गूगल शीट पर प्रतिदिन अंकित की जाय। चिकित्सालय में आने वाले SARI (sever Accute Respiratiory Infaction), ILI (Infuenja Like Illnes) या दूसरे लक्षणों (भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्दिष्ट) वाले केसों की जॉच के सम्बंध में दैनिक सूचना उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होने कहा कि महामारी अधिनियम एवं डिजास्टर मैंनेजमेंट एक्ट में विहित प्राविधानों के अनुसार सभी निजी चिकित्सालयों में उक्त व्यस्थायें किया जाना आवश्यक है, जिन निजी चिकित्सालयों में उपरोक्त व्यवस्थायें जॉच के समय उपलब्ध नहीं पायी जायेगी तो उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। जिला मजिस्ट्रेट ने जनपद के समस्त उपजिलाधिकारी/उपजिलामजिस्ट्रेट व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि अधिकारी द्वारा अपने-अपने क्षेत्राधिकार के निजी चिकित्सालयों की नियमित रुप से संयुक्त जाँच करेगें और जाँच में यदि यह पाया जाता है कि निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए शासन द्वारा दिये गये उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन नही किया जा रहा है तथा लापरवाही की जा रही है तो संबंधित चिकित्सालय के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जाय और जिसके तहत चिकित्सालय को सीज भी किया जा सकता है। कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उक्त आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
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