विशेष व्यापार संचालन प्रक्रिया का पालन नही होने पर मुकदमा दर्ज कर भारी जुर्माना लगेगा
आजमगढ़ 24 जुलाई-- कोविड-19 महामारी से बचाव के दृष्टिगत जिलाधिकारी द्वारा जनपद मे कारोबार करने वाले समस्त व्यापारियों/प्रतिष्ठानों हेतु विशेष व्यापार संचालन प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसके अन्तर्गत प्रतिष्ठान पर थर्मल स्कैनर, सेनिटाइजर, पल्स आक्सीमीटर की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए, इसका अनुपालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। इसी के साथ ही निर्देश दिये गये हैं कि सभी दुकानदारों एवं ग्राहकों को मास्क पहनना अनिवार्य है, सोशल डिस्टेन्सिंग के अनुपालनार्थ दुकान/प्रतिष्ठान के सामने गोला बना हो एवं बैरिकेटिंग की गई हो, दुकान/प्रतिष्ठान में एक समय में 05 व्यक्ति से अधिक लोग न हों। समस्त कारोबार कर्ताओं को एक रजिस्टर रखना अनिवार्य है, जिसमें दुकानदार दुकान/प्रतिष्ठान पर आने वाले प्रत्येक आगन्तुकों का नाम, पता एवं मो0नं0 दर्ज करेंगे, जिससे कि किसी आकस्मिकता की स्थिति में कोविड-19 के दृष्टिगत सभी प्रभावितों को ट्रेस किया जा सके। इसी के साथ ही संदिग्ध के पाये जाने पर उसकी सूचना कन्ट्रोल रूम को तत्काल उपलब्ध करायें। इसी क्रम में अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डाॅ0 दीनानाथ यादव के निर्देशन में आज भी पूरे जनपद में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम द्वारा व्यापक अभियान चलाकर गहन निरीक्षण किया गया, जिसमें सुरभी स्वीट्स सिधारी, श्री हरि स्वीट्स सिधारी, राधा स्वीट्स हाउस रैदोपुर, कालिका होटल सिविल लाईन, सुरेन्द्र गुप्ता विनायक स्वीट्स मेंहनगर, प्रेमचन्द गुप्ता साईं कृपा स्वीट्स मेंहनगर, जंग बहादुर चैहान स्वीट्स की दुकान जाफरपुर, सोलहन यादव किराना की दुकान बिन्द्रा बाजार, सागर स्वीट्स बिन्द्रा बाजार, अयोध्या प्रसाद किराना की दुकान बूढ़नपुर, रामचन्दर यादव मिठाई की दुकान कोयलसा, सूर्यदीप गुप्ता किराना की दुकान संजरपुर बाजार, पन्ना लाल किराना की दुकान संजरपुर सहित कुल 41 दुकानों/प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इसी के साथ ही समस्त दुकानों/प्रतिष्ठानों को 02 दिन के अन्दर समस्त कमियों को अनिवार्य रूप से दूर करने हेतु नोटिस दी गई है। इसका अनुपालन न किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा माननीय न्यायालय में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के सुसंगत प्रावधानों के तहत संबंधित न्यायालय में वाद दायर कर दिया जायेगा, जिसमें अधिकतम 02 लाख रू0 तक का अर्थदण्ड देय हो सकता है।
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