आजमगढ़ में हाईस्कूल में 83.52 प्रतिशत और इंटरमीडिएट में 68.59 प्रतिशत छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए
ऋषभ ने प्रदेश मेरिट में हासिल किया छठवां स्थान, हाईस्कूल में जिला 42वें स्थान पर, जबकि इंटरमीडिएड में 66वें स्थान पर रहा आजमगढ़ : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा घोषित हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम में जनपद का प्रदर्शन पिछले साल की अपेक्षा कुछ अलग रहा। परीक्षा में सख्ती के बावजूद हाईस्कूल में 83.52 प्रतिशत और इंटरमीडिएट में 68.59 प्रतिशत छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए। हाईस्कूल के परिणाम में अपना जिला 42वें स्थान पर, जबकि इंटरमीडिएड में 66वें स्थान पर रहा। जनपद के 764 माध्यमिक विद्यालयों में 1,92,146 छात्र पंजीकृत हैं। इनमें हाईस्कूल के 1,06,831 व इंटरमीडिएट के 85,315 छात्र-छात्राएं हैं। परीक्षा के लिए जनपद में 280 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। सूबे की सरकार द्वारा नकलविहीन परीक्षा के लिए वेबकास्टिंग के माध्यम से आनलाइन निगहबानी की गई। जिले स्तर पर भी मजिस्ट्रेट व उड़नदस्ते निगरानी में लगे रहे। परीक्षा में सख्ती का परिणाम रहा कि हाईस्कूल के 12,629 और इंटरमीडिएट के 7,290 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए। बोर्ड द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में हाईस्कूल के 83.52 और इंटरमीडिएट में 68.59 फीसद परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। हाईस्कूल में रामरूप मेमोरियल कालेज बूढ़नपुर के रिषभ सिंह ने 94.50 प्रतिशत अंक हासिल करके प्रदेश में छठवां तथा आजमगढ़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इंटरमीडिएट में चिल्ड्रेन कालेज के आदित्य कुमार यादव ने जनपद में प्रथम स्थान हासिल किया है। पिछले वर्ष हाइस्कूल में 79.48 तथा इंटरमीडिएट का फीसद 69.55 रहा। यानी इस साल हाईस्कूल में फीसद बढ़ा है वहीं इंटरमीडिएट में घटा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित हाईस्कूल में जनपद का फीसद इस बार 83.52 तथा इंटरमीडिएट का फीसद 68.59 रहा। पिछले वर्ष यह फीसद हाइस्कूल में 79.48 तथा इंटरमीडिएट का फीसद 69.55 रहा। यानी इस साल हाईस्कूल में फीसद बढ़ा है वहीं इंटरमीडिएट में घटा है। वर्ष 2019 में कुल 304 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी, जबकि इस बार 280 केंद्रों पर परीक्षा हुई। इनमें हाईस्कूल के 94202 छात्र व इंटरमीडिएट में 78025 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी, जबकि वर्ष 2019 में हाईस्कूल में एक लाख 16 हजार 907 तथा इंटरमीडिएट में एक लाख तीन हजार 334 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष परीक्षार्थियों की संख्या कम रही।
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