नगरीय क्षेत्रों में पशु चारा, भूसा आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराएं - नागेन्द्र प्रसाद सिंह, डीएम
आजमगढ़ 26 मार्च-- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया हे कि कोरोना वायरस से बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु शासन द्वारा दिनांक 14 अप्रैल 2020 तक लाकडाउन किया गया है। अतः यह सम्भावना हो सकती है कि कुछ दिनों पश्चात् महाराष्ट्र में थोक व्यापारियों के पास स्टाक कम हो जाय। ऐसी स्थिति में आवश्यक सामग्री एवं उससे जुड़ी हुई वस्तुओं की आपूर्ति में कमी हो सकती है, जिससे लोगों के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अतिरिक्त यह भी सम्भावना है कि वे स्टाक की होर्डिंग करके दर को कृत्रिम रूप से बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होने उप निदेशक, मण्डी परिषद प्रशासन से अपेक्षा की है कि आप तत्काल जनपद के समस्त खाद्यान्न से सम्बंधित थोक विक्रेताओं के गोदामों व दुकानों का निरीक्षण कर स्टाक की स्थिति का सत्यापन करें कि व्यक्तियों के ट्रेण्ड को देखते हुए उनके पास कितनों दिनों के लिए खाद्यान्न उपलब्ध है। साथ ही इसका भी आंकलन कर लें कि उनकी सामग्री किन स्थलों से आती है और उनके परिवहन में कोई समस्या तो नहीं आ रही है, यदि समस्या आ रही है तो अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, आजमगढ़ के साथ समन्वय करके जनपद के पुलिस अधीक्षक तथा अन्य जनपद के पुलिस अधीक्षक के साथ वार्ता करके उसका समाधान करायें तथा आवश्यकतानुसार शासन में शीर्ष स्तर पर भी अवगत करायें। यदि कोई थोक विक्रेता कालाबाजारी कर रहा है, स्टाक होर्डिंग कर रहा है, कृत्रिम रूप से दर बढ़ा रहा है, तो सम्बंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए स्थिति से अवगत करायें। इस हेतु पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़, समस्त उप जिलाधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी आजमगढ़ को आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं। अतः आवश्यकता पड़ने पर आप उनकी सहायता ले सकते हैं। उन्होने कहा कि उक्त कार्यवाही अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें, ताकि आपदा की इस घड़ी में खाद्यान्न का कोई संकट न हो सके। वहीँ जिलाधिकारी ने बताया की यह सम्भावना हो सकती है कि आगामी कुछ दिनों में पशु आहार, भूसा, मुर्गियों का दाना एवं उससे जुड़ी हुई वस्तुओं की आपूर्ति में कमी हो सकती है, जिससे पशु पालकों व मुर्गी पालकों के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अतिरिक्त यह भी सम्भावना है कि इससे सम्बंधित व्यापारी स्टाक की होर्डिंग करके दर को कृत्रिम रूप से बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं। पशु चारे, भूसा आदि का संकट ग्रामीण क्षेत्रों में कम होगा, किन्तु नगरीय क्षेत्रों में संकट हो सकता है। जिलाधिकारी ने उप कृषि निदेशक प्रसार/मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये हैं कि नगरीय क्षेत्रों में पशु चारा, भूसा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि जनपद के प्रगतिशील कृषक, जिनके यहां कृषि उत्पादन अधिक होता है, उनकी सूची तैयार कर लें और आवश्यकतानुसार यह चिन्हित कर लें कि निराश्रित पशु गोशालाओं एवं नगरीय क्षेत्र में भूसा आदि की आपूर्ति करने के लिए किन-किन क्षेत्र में किन-किन किसानों की मदद ली जा सकती है। उक्त सूचना दो दिन के अंदर उपलब्ध करायें और तद्नुसार व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि उप कृषि निदेशक स्वयं उन प्रगतिशील कृषको से सम्पर्क में रहकर यह आंकलन कर लें कि वे जिस क्षेत्र के कृषक हैं, उस क्षेत्र में कुछ निर्धन लोगों को यदि किसी प्रकार की कोई मदद की आवश्यकता है तो उसमें भी उनका सहयोग प्राप्त किया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त कार्यवाही अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें, ताकि आपदा की इस घड़ी में पशुचारा, भूसा आदि का कोई संकट न हो सके।
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