युवा मित्रों में ऊर्जा एवं जोश अधिक होता है, उनसे अधिक सकारात्मकता की उम्मीद की जाती है- डीएम
गर्मी की छुट्टियां थोड़ा पहले आ गईं है, आन-लाईन पढाई करें,विद्यालय भी दे सकतें हैं ऑनलाइन प्रोजेक्ट्स और असाइनमेंट
आजमगढ़ 23 मार्च-- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया है कि कोरोना वायरस से बचाव, रोकथाम के लिए विद्यालयों में शिक्षण एवं कोचिंग संस्थान 02 अप्रैल 2020 तक बन्द हैं। यह स्थिति शीघ्र ही सामान्य होगी, लेकिन कोई निश्चित अवधि नियत नहीं की जा सकती है। वैसे भी माह मई एवं जून में ग्रीष्मकालीन अवकाश का समय होता है। कोरोना की वजह से ऐसा वातावरण मध्य मार्च से ही शुरू हो गया है।
जिलाधिकारी ने सभी छात्र-छात्राओं के अभिभावक के रूप में निवेदन किया है कि आप लोग इस आपदा के समय सोच सकारात्मक रखें। कोरोना से भय नहीं बल्कि सावधानी एवं संयम का पालन करते हुए संकल्प के साथ उसका सामना करें। किसी भी आपदा की स्थिति में शांति रहना, स्थिर रहना, सावधान रहना और निर्भय रहना जरूरी है। जितना वाहय परिस्थिति से मन पर प्रभाव पड़ता है, उससे अधिक अन्तरमन का प्रभाव हमारी वाह्य परिस्थिति पर पड़ता है। यदि मन में भय है तो प्रतिरोधक क्षमता पर नकारात्मक सोच के कारण दुष्प्रभाव पड़ता है, इसलिए सकारात्मक भाव से विशेषज्ञो द्वारा दी गयी राय के अनुसार सावधानी के नियमों का पालन करते हुए इस आपदा से बाहर निकलने का मार्ग तलाशना चाहिए। उन्होने कहा कि युवा मित्रों में ऊर्जा एवं जोश अधिक होता है, उनसे अधिक सकारात्मक की उम्मीद की जाती है, इसलिए मुझे विश्वास है कि वे स्वयं को व्यवस्थित रखते हए अपने परिवार के अन्य सदस्यों का भी मन व्यवस्थित रखेगें और अपने आस-पास के परिवेश को सावधानी और संकल्प के साथ जोड़ेगें।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज-कल टेक्नालाजी का युग है। कक्षाओं एवं विद्यालयों में सशरीर उपस्थित होकर अध्ययन करना एक मात्र विकल्प नहीं है बल्कि अनेक ई-प्लेटफार्म उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से आन-लाईन पढाई जारी रखी जा सकती है। देश व विदेश में अनेक विदयालयों में ई-क्लास शुरू किया जा चुका है, जिसमें कई आनलाईन प्लेटफार्म मौजूद हैं। दीक्षा प्लेटफार्म मानव संसाधान विकास मंत्रालय, भारत सरकार का सबसे कारगर प्लेटफार्म है, जिसमें सी०बी०एस०सी० के पाठ्यक्रम एवं एन0सी0आर0टी0 के किताबों के अनुसार कई सारे वीडीयो क्लास एवं लर्निंग कन्टेंट उपलब्ध हैं। इसके अलावा गूगल पर खान अकाडमी आदि का प्लेटफार्म उपलब्ध हैं, जिस पर छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई का उपयोग कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में विद्यालयों में स्वयं न जाकर उक्त ऐप पर क्लास एवं कन्टेंट शुरू कर देना चाहिए। सी0बी0एस0सी0 द्वारा दीक्षा एवं अन्य विषयों पर ई-कन्टेंट लांच किया गया है।
उन्होने कहा कि विदयालयों को यह भी चाहिए कि ग्रीष्मकाल के दौरान जिन प्रोजेक्ट्स एवं गतिविधियों का असाईनमेंट दिए जाने हैं, उसे ई-मेल अथवा यूटूब के माध्यम से देने का प्रयास करना चाहिए। जिलाधिकारी ने युवा मित्रों से यह भी कहा कि उनके अन्दर जो भी रचनात्मक प्रतिभा है, उसका क्रिएटिव उपयोग परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर करना चाहिए, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य भी विद्यालय, दुकान, प्रतिष्ठान आदि बन्द होने के कारण घर पर परिवार के साथ ही निवास कर रहे होगें। उनके द्वारा भी परिवार के अन्दर सकारात्मक सोच के साथ अंतरमन से विश्लेशित करने, मनन करने का प्रयास करना चाहिए और बच्चों को ड्र्राइंग, पेंटिंग, क्राफ्ट, चित्रकला, गायन, नृत्यकला, लेखन आदि क्रिएटिव गतिविधियों में ऊर्जा लगानी चाहिए। साथ ही छात्र पुस्तकों का अध्ययन करके अपने परिवार के साथ बैठकर उस पर परिचर्चा भी कर सकते हैं। अन्यथा घर के अंदर बैठ कर मात्र कोरोना की सोच में ही रहेगें। अतः आवश्यक है कि इस आपदा से उत्पन्न चुनौती को एक रचनात्मक अवसर में परिवर्तित करें और घर के अंदर रहकर परिवार के सभी सदस्यों के साथ सौहार्दपूर्ण समन्वय के साथ रचनात्मक आयाम से जुड़े।
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