प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले तहसीलदार एवं कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल अनुशासनिक कार्रवाई करने की भी संस्तुति
आजमगढ़ : मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी की अध्यक्षता में गठित मंडलीय अपीलीय फोरम ने बलिया में गोंड जाति के एक व्यक्ति को नियम विरुद्ध ढंग से निर्गत अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र को निरस्त करते हुए उसे जब्त करने का आदेश पारित किया है। मंडलीय अपीलीय फोरम ने इस बात की भी संस्तुति की है कि अनियमित तरीके से निर्गत प्रमाण पत्र के आधार पर धारक ने उपजिलाधिकारी के पद नियुक्ति प्राप्त कर ली है। इसलिए प्रमाण पत्र निरस्तीकरण संबंधी आदेश की प्रति उनके नियुक्ति विभाग एवं प्रदेश लोक सेवा आयोग को भी अग्रेतर कार्रवाई के लिए उपलब्ध करा दी जाए। मंडलीय अपीली फोरम ने प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले तहसीलदार एवं अन्य संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल अनुशासनिक कार्रवाई करने की भी संस्तुति की है। मूल आदिवासी जनजाति कल्याण संस्था झुगिया बाजार गोरखपुर के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बहादुर चौधरी ने जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति बलिया द्वारा गत छह जून 2019 को पारित आदेश के विरुद्ध मंडलीय अपीलीय फोरम के समक्ष अपील प्रस्तुत की थी कि बलिया के तहसील बैरिया अंतर्गत ग्राम इब्राहिमाबाद उपरवार निवासी श्यामबाबू पुत्र धर्मनाथ राम जाति के भड़भूजा कहार हैं। उन्हें जो प्रमाण जारी किया गया है, वह हेराफेरी पर आधारित है और गोंड़ अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र का लाभ लेने के कारण उनका चयन लोक सेवा आयोग परीक्षा-2016 में उपजिलाधिकारी के पद पर हुआ है। कमिश्नर ने बताया कि जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा पारित आदेश व अपीलकर्ता विजय बहादुर चौधरी द्वारा प्रस्तुत अपील और उपलब्ध कराए गए अभिलेखीय साक्ष्यों आदि का अवलोकन व परीक्षण किया गया। निर्गत अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्रों की उच्च स्तरीय समिति गठित करके जांच कराए जाने का निर्णय अपीलीय फोरम ने लिया। अपर आयुक्त प्रशासन अनिल कुमार मिश्र की अध्यक्षता में कमेटी गठित समिति द्वारा उपलब्ध कराई गई आख्या के परीक्षण में भी समिति द्वारा स्थलीय सत्यापन के समय श्याम बाबू के पिता धर्मनाथ एवं स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दिए गए बयान के आधार पर श्याम बाबू को अनुसूचित जनजाति का होना नहीं पाया गया।
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