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बिलरियागंज मामले में प्रियंका गांधी ने भेजा मानवाधिकार आयोग को 20 पन्नो का पत्र

प्रियंका गाँधी के पत्र में महिला थाना प्रभारी और एसएचओ बिलरियागंज की शिकायत भी की गई है 

आज़मगढ़: कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने लरियागंज(आज़मगढ़) में चलाए जा रहे सीएए-एनआरसी विरोधी महिलाओं के आंदोलन को शांतिपूर्ण बताते हुए वहां पर पुलिसिया दमन आरोप लगते हुए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई की मांग के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्रक भेजा है।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि प्रियंका गांधी ने 20 फ़रवरी को बीलरियागंज मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को 20 पन्नों का पत्रक भेजकर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख़्त कार्यवाई की मांग की है। पत्रक में उन्होंने कहा है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन चला रही महिलाओं पर बिना किसी चेतावनी के लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे जो संविधान प्रदत अनुच्छेद 21 के अधिकार पर सीधा हमला है जो लोगों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। पत्र में उन्होंने कहा है कि जांच की मांग को नकारते हुए पुलिस के दावों को स्वीकार किया जाना संवैधानिक प्रक्रिया पर हमला है। जो योगी सरकार लगातार कर रही है।
12 सूत्री पत्रक में प्रियंका गांधी ने अपने 12 फरवरी के दौरे में महिलाओं से मिली जानकारी को आधार बनाते हुए आरोप लगाया है कि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से काफी अभद्रता किया। पत्रक में आज़मगढ़ महिला थाना की एसएचओ के रवैये की शिकायत दर्ज है जिनपर महिलाओं ने गंभीर धमकी देने का आरोप लगाया था। इसी तरह आयोग को बिलरियागंज के एसएचओ का कथित वीडियो क्लिप भी सौंपा गया है जिसमें उन्हें आंदोलनरत लोगों को धमकी देते हुए बताया गया है।
प्रियंका ने ऐसे अधिकारियों के ख़िलाफ़ अब तक कोई कार्यवाई न होने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। पत्रक में मौलाना ताहिर मदनी की गिरफ्तारी का सवाल भी प्रियंका गांधी ने उठाते हुए कहा है कि शांति और सद्भाव की बात करने वाले मौलाना को जेल में डालना सरकारी अपराध है। पत्रक में आंदोलन के दौरान घायल महिला की मेडिकल रिपोर्ट और 6 वर्षीय बच्ची अनाबिया ईमान का भी ज़िक्र है जो पुलिस कार्यवाही से बुरी तरह डर गई थी। अनाबिया को पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने गिफ़्ट भी भेजा था। पत्रक में कुछ छात्रों का सवाल भी उठाया गया है की उन्हें नाबालिग होने के बावजूद अभी तक ज़मानत नहीं दी गयी है और उनके बोर्ड के इम्तेहान भी होने हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और खुद प्रियंका गांधी इन मामलों पर नज़र रखी हुई हैं और हर तरह की ज़रूरी मदद देने का आश्वासन उन्होंने दिया है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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