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यथासम्भव स्ट्राइक न करें बार के सदस्य,प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इससे संस्था की है हानि- प्रशासनिक न्यायाधिपति


न्यायामूर्ति सूर्यप्रकाश केसरवानी ने दीवानी न्यायालय आजमगढ़ का निरीक्षण किया

न्यायाधीश आवासीय परिसर मे बनने वाले ट्रांजिट हास्टल का शिलान्यास पूजन व मंत्रोच्चार के साथ हुआ 

आजमगढ़ 29 फरवरी -- न्यायामूर्ति सूर्यप्रकाश केसरवानी, प्रशासनिक न्यायाधिपति आजमगढ़ ने दीवानी न्यायालय आजमगढ़ का निरीक्षण किया गया। न्यायमूर्ति के आगमन पर गार्ड ऑफ़ आनर से उनका स्वागत किया गया। न्यायाधीश सूर्यप्रकाश केसरवानी द्वारा न्यायाधीश आवासीय परिसर मे बनने वाले ट्रांजिट हास्टल का शिलान्यास विधिवत पूजन व मंत्रोच्चार के साथ किया गया। बार के पदाधिकारियों से अपने सम्बोधन कहा कि बार के सदस्यों से मिलना उनके लिए बड़ा सुखकर है क्योंकि वे स्वंय 28 वर्ष तक अधिवक्ता रहे है। 06 कक्षीय भवन के जल्द क्रियाशील होने, जजी ग्राउण्ड में 24 कोर्ट रूम बिल्डिंग एवं मल्टी लेबल पार्किंग के शीघ्र ही निर्माण प्रक्रिया के अधीन आने, एमएसीटी कोर्ट सम्बन्धी समस्या का निराकरण करने एवं अपने स्वंय के स्तर से निराकरण होने वाली किसी भी समस्या के निस्तारण के लिए अपने को सदैव तत्पर बताया। बार के सदस्यों से यथा सम्भव स्ट्राइक न करने को कहा क्योंकि इससे संस्था पर अनावश्यक भार पड़ता है और वादकारी का अहित होता है। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इससे बार की हानि होती है। माह में एक दिन विधिक सेमिनार आयोजित करने का आग्रह किया क्योंकि बार से अच्छा प्रशिक्षण न्यायिक अधिकारियों को कोई नही दे सकता। गोष्ठी का विषय पहले से उद्घाटित कर वक्ताओं के तैयारी का अवसर दिया जाय। इससे वास्तविक रूप से विधि व्यसायी अधिवक्ता को न्यायिक सेवा मे आने का अवसर मिलेगा और न्यायपालिका को व्यवहारिक पक्ष से भिज्ञ न्यायिक अधिकारी की उपलब्धता सुलभ होगी। इससे अन्तः मूल बार की ख्याति का विस्तार होगा। अपराधिक प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण की राज्य की मंशा के संदर्भ में बार से अपने सुझाव के माध्यम से अप्रतिम योगदान देने की सलाह दी।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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