आजमगढ़। जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि कतिपय क्षेत्रों से कृषकों द्वारा अभी भी निराश्रित गोवंशों द्वारा उनकी फसलों को नुकसान किये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उन्होने कहा कि यह खेद का विषय है कि बार-बार स्पष्ट निर्देश दिये जाने के बावजूद न तो निराश्रित पशुओं को पशु आश्रय स्थलों में पहुंचाया जा रहा है और न ही ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने में कोई रूचि ली जा रही है, जो अपने पशुओं को जानबूझकर छोड़ दे रहे हैं। अतः निराश्रित गोवंशों को पकड़कर आश्रय स्थलों तक पहुंचाने के साथ-साथ ऐसे पशुपालकों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई भी अनिवार्य है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में शासन स्तर से प्रत्येक विभागीय अधिकारियों /कर्मचारियों के दायित्व निर्धारित हैं, अतः कार्यों के अनुश्रवण हेतु तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की गयी है, जिसमें उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, थाना प्रभारी/प्रभारी निरीक्षक एवं पशु चिकित्साधिकारी (सदस्य सचिव) होंगे। उन्होने कहा कि उपरोक्त समिति के विभागीय अधिकारीगण अपने-अपने ग्रामीणस्तरीय कर्मचारियों जैसे-लेखपालों के माध्यम से निराश्रित गोवंशों के संबंध में सूचना प्राप्त कर अवगत कराने, पशु चिकित्सा अधिकारी व उनके पशु टीकाकरण करने वाले क्षेत्रीय कर्मचारी ग्रामों का भ्रमण/टीकाकरण के दौरान पशुओं की गणना कर ऐसे पशुपालक जो अपने पशुओं को छोड़ दे रहे हैं, उनके संबंध में गोपनीय रूप से सूचना संकलित कर प्रस्तुत की जायेगी। इसी प्रकार थानाध्यक्ष द्वारा अपने बीट कांस्टेबल से पशुपालकों द्वारा अपने गोवंशों को जानबूझकर छोड़ने की सूचना प्राप्त की जायेगी। तहसील स्तर पर पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा साप्ताहिक रूप से सभी बिन्दुओं की समीक्षा बैठक आयोजित कराई जायेगी। जिलाधिकारी कहा है कि तहसीलस्तरीय समिति की साप्ताहिक बैठक में कृषकों से तिथिवार कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, कितने निराश्रित पशु पकड़कर उन्हें पशु आश्रय स्थलों पर रखा गया, गोवंश आश्रय स्थलों की स्थिति, कितने व्यक्तियों द्वारा सहभागिता से कितने पशुओं को रखा गया है, उन्हें किये गये भुगतान की स्थिति तथा ऐसे व्यक्ति जो अपने पशुओं को लावारिस हालत में छोड़ दिये हैं, उनके विरूद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के अन्तर्गत वाद पंजीकरण की कार्यवाही की गई, आदि विन्दुओं पर विशेष रूप से समीक्षा की जायेगी। उपरोक्तानुसार जनपद स्तर पर भी मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की गयी है, जिसमें सदस्य/सचिव के रूप में मुख्य राजस्व अधिकारी एवं अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) होंगे। यह समिति तहसील स्तरीय कमेटी के कार्यों की नियमित तौर पर समीक्षा करेगी। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों से अपेक्षा किया है कि निराश्रित गोवंशों की देखभाल एवं कृषकों की फसलों के नुकसान के संबंध में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायें।
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