श्रद्धालुओं ने विदाई पूजन कर मां सरस्वती से देश की तरक्की और सभी को सद्बुद्धि की मंगल कामना किया
आजमगढ़: संघर्ष सामाजिक संगठन की ओर से दो दिवसीय बसंतोत्सव का आयोजन समेदा के निकट बसगित ग्राम सभा में किया गया। संगठन द्वारा मां ज्ञानदायिनी के प्रतिमा को स्थापित किया गया, पूरे दिन उनकी पूजन अर्चना हुई। शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने विदाई पूजन कर मां से देश की तरक्की और सभी के लिए सद्बुद्धि की मंगल कामना किया। पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने कहा कि मां सरस्वती सनातन धर्मावलम्बियों में ज्ञान, बुद्धि, वाणी की देवी के रूप में पूजी जाती है। बुद्धि व विवेक प्राप्त होने के कारण ही मनुष्य को देव-दुर्लभ प्राणी कहा जाता है। मनुष्य अपने विवेक के बल पर सम्पूर्ण प्रकृति और विश्व को शांति व सद्भाव की ओर प्रेरित कर सकता है। हमारे ऋषि, महर्षियों ने अपने ज्ञान और बुद्धि के बल पर भारत को विश्व गुरू का दर्जा दिलाया था लेकिन आज हमारे गंगा-जमुनी संस्कृति को छिन्न-भिन्न कर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, जिससे लोगों को सर्तक रहने की आवश्यकता है। युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हरिकेश मिश्रा ने कहा कि मां सरस्वती के ही बल पर हम देश ही नहीं सम्पूर्ण विश्व एवं प्रकृति को संरक्षित कर सकते है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग किया कि बसंत पंचमी के दिन विद्यालयों को खोलकर बच्चों को मां सरस्वती एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी दी जाये ताकि बच्चे सन्मार्ग की ओर अग्रसरित हो। आंगतुकों के प्रति आभार जताते हुए संगठन के मंत्री लालकृष्ण दुबे ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य हमारी संस्कृति विरासत को सहेजना है। संचालन सौरभ उपाध्याय ने किया। इस मौके पर शिवगोविन्द उपाध्याय, आदर्श मिश्रा, चन्दन सरोज, दीप नरायन, धर्मेन्द्र, प्रदीप, धर्मपाल, अंगद, संगीता सरोज सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
Blogger Comment
Facebook Comment