आजमगढ़। लाटघाट क्षेत्र में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के लिए सोमवार को 551 कन्याओं ने भव्य कलश शोभा यात्रा निकाला। यज्ञ मंडप से कन्याओं ने सिर पर कलश रखकर गायत्री मंत्र के साथ जयकारे लगाते हुए चल रही थी। सरयू नदी के तट से कलशो में जल भरकर वापस वह यज्ञ मंडप पर पहुंची और कलशों को स्थापित किया। आपको बता दे कि यह कलश यात्रा काखभार, महुला होते हुए रामनगर सरयू नदी पहुंची जहाँ से जल भरकर कन्या वापस यज्ञ मंडप पहुंची। यज्ञाचार्य ने बताया कि जब भी कोई आयोजन कथा, पूजा, यज्ञ होता है तो कलश में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। 13 से 16 जनवरी को यज्ञ में 108 कुंड बनाए गए हैं। हवन कुंड में हजारों आहुतियां एक साथ दी जाएंगी। इसके साथ ही महामृत्युंजय मंत्र, सूर्य, गायत्री मंत्र व रूद्र की भी आहुति दी जाएगी। यज्ञ आयोजक आचार्य रणविजय सिंह ने बताया कि यज्ञ में दूर दूराज से भाई-बहन श्रद्धालु आए हुए हैं। जो यज्ञ मंडप के हवन कुंड में आहुतियां देंगे। शांतिकुंज हरिद्वार से आए हुए राजकुमार भृगु के नेतृत्व में टीम यज्ञ का कार्य संपन्न कराएगी। जिसमें राजकुमार भृगु टोली नायक, बनवारी लाल सैनी, शंभू पांडे, परमेश्वर मंडल, रमेशचंद्र हैं। महायज्ञ में संस्कार, मुंडन संस्कार, दीक्षा संस्कार, विद्या संस्कार, पुंसवन संस्कार, नामकरण संस्कार, विद्या रंभ संस्कार आदि भी होगें।
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