हॉकी में भारत के गौरव को पुनः वापस लाने के लिए गांवों में इस तरह की प्रतियोगिता आयोजित हों -आलोक कुमार सिंह, डीआईजी, बीएसएफ
आज़मगढ़ : आजमगढ़ जिले के तरवां क्षेत्र के चौरी बेलहा महाविद्यालय के प्रांगण में स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय चंद्र दीप सिंह की स्मृति में पांचवीं अखिल भारतीय ईनामी हाँकी प्रतियोगिता का उद्घाटन आज बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ । उद्घाटन मैच में आज यूपी की कैंट स्टार क्लब वाराणसी और डी एच ए आजमगढ़ के बीच खेला गया । इस रोमांचक मैच में डीएचए आजमगढ़ की टीम ने कैट स्टार वाराणसी की टीम को 3-1 से हरा दिया । प्रतियोगिता का दूसरा मुकाबला तारा क्लब बहराइच और स्टेडियम लालपुर वाराणसी के बीच खेला गया ।जिसमें स्टेडियम लालपुर वाराणसी ने तारा क्लब 6-0 से बुरी तरह हरा दिया । प्रतियोगिता का उद्घाटन बीएसएफ व एनडीआरएफ के डीआईजी आलोक कुमार सिंह ने किया ।मैच के उद्घाटन समारोह के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए श्री सिंह ने कहा कि हांकी भारत का मूल खेल है । इसकी गौरव को पुनः वापस लाने के लिए गांव में ही इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन करना होगा ।इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आलोक कुमार सिंह ने कहा कि आजमगढ़ जैसे पिछड़े इलाके में ग्रामीण क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की हॉकी का खेल का आयोजन होना इस बात का संकेत है कि यह क्षेत्र के लोगों और खेल प्रबंधन समिति का एक सराहनीय प्रयास है ।यहां का मैदान देखकर उन्होंने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त कि और कहा क्षेत्र के लोगों ने इस खेल के प्रति पूरे मन से प्रयास किया है ।इस बाबत उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री का ध्यान भी आकर्षित कराया और कहा कि टैलेंट हंट जैसी प्रतियोगिताएं इस तरह के क्षेत्रों में आयोजित करने की जरूरत है । उन्होंने खेल के प्रति देश के पीएम की सोच की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री ने खेल क्षेत्र में प्रोत्साहन की जो योजना बनाई है उसे वास्तविक रूप से प्रतिभावान खिलाड़ी खेल के मैदान में उभरेंगे ।एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संघर्ष के बल पर जो बच्चा सही रास्ते पर चलता है उसी बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है । आम के पेड़ के नीचे पढ़ने वाला ही बच्चा लाल बहादुर शास्त्री बन सकता है ।सुख-सुविधाओं में जीने वाले लोग इन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच सकते । उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सफलता उसी के कदम चूमती है जो अपना प्रयास सही तरीके से करता है ।पुरानी हाँकी के गौरव को वापस लाने के लिए तरवा जैसे ग्रामीण इलाके में ही इस तरह के खेल का आयोजन करना होगा । उन्होंने कहा कि मुगल शासकों और अंग्रेजों ने हमारी शारीरिक क्षमता को कमजोर किया जिस से आने वाली पीढ़ियां कमजोर हो जाय यह काम उन्होंने सुनियोजित तरीके से किया। उन्होंने यह काम पूरे साजिश के तहत किया । आजकल चाहे आप जिस भी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं अगर आपकी शारीरिक फिटनेस ठीक नहीं है तो आप किसी भी क्षेत्र में अपना योगदान सही तरीके से नहीं दे सकते हैं ।इसके पूर्व श्री सिंह ने स्वर्गीय चंद्रदीप सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया इसके बाद उन्होंने गुब्बारों व शांति का प्रतीक कबूतर को आकाश में उड़ाकर खिलाड़ियों को इसी तरह ऊंचाइयों तक पहुंचने का संदेश दिया । उन्होंने प्रत्येक खिलाड़ियों का परिचय प्राप्त किया और हॉकी खेल के विधिवत शुभारंभ का फीता कट कर मैच की शुरुआत कराई। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक प्रभाकर सिंह ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया उन्होंने स्वागत भाषण में महाविद्यालय की संरक्षण में चलाई जा रही सीबी हॉकी एकेडमी के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि उन्होंने इस एकेडमी में गरीब असहाय बच्चों को शामिल किया है जो अपनी मेहनत के बल पर आगे चलकर खाकी के क्षेत्र में क्षेत्र का नाम रोशन कर सकें । उन्होंने कहा है कि उनका उद्देश्य खेल का आयोजन नहीं है इस खेल को रोजगार से जोड़ने का उनका उद्देश्य है ताकि यहां से निकलने वाले बच्चे अपना रोजगार पा सकें ।इस अवसर पर खेल समिति के रामानंद राजभर ओमप्रकाश सिंह चंचल यादव रामाश्रय , राणा सिंह डॉक्टर संतोष कुमार सिंह स्वतंत्र सिंह मुन्ना देवेंद्र सिंह रामाशीष सिंह गुड्डू सतीश सिंह सुनील यादव विजय यादव प्रभाकर सिंह डब्ल्यू अरविंद सिंह अखिलेश सिंह गुड्डू आरएसएस के विभाग प्रचारक बैरिस्टर दिनेश मिश्रा अट्टू प्रमोद सिंह संग्राम सिंह सहित सभी ने मुख्य अतिथि आलोक कुमार सिंह का माल्यार्पण कर स्वागत किया । इस उद्घाटन समारोह का संचालन कमला सिंह तरकस और अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि रामाश्रय मिश्र उजबक ने किया ।
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