आजमगढ। जिलापूर्ति कार्यालय का विवादों से पुराना नाता है। लेकिन इस बार का मसला विभाग के कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। मामला बिंदवल के सरकारी कोटे की दुकान है। ग्रामीणों का आरोप है विभाग ने सजायाफ्ता को सरकारी कोटे की दुकान का आवंटन कर दिया। परिणाम यह है कि वह राशन देता नहीं बल्कि धौंस जमाता है । डीएम कार्यालय पर सैकड़ो की संख्या में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव की कोटे की दुकान जिसके नाम पर है वह अपराधिक एवं दबंग किस्म का व्यक्ति हैं। वह राशन नहीं देता बल्कि उनको धमकी भी देता है। यही नहीं उसके घर के लोग भी दबंग किस्म के है। जिससे ग्रामीणों के सारे राशन को हड़प लेता है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से जांच कर कोटे की दुकान को निरस्त करने की मांग की है। इस दौरान शैलेंद्र कुमार, विनोद, अशोक, विजय राव, सुरेंद्र कुमार, पंकज, गोरख, राधेश्याम, रामधनी, एसके राव, दुलारे, अरविद, रविशंकर, बिरजू राजभर आदि रहे।
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