पार्टी ने कहा की यह विधेयक संविधान की मूल भावना व धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के विपरीत है
आजमगढ़ : नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पीस पार्टी ने गुरुवार को आंबेडकर पार्क में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष मोहसिन खान ने कहा कि वर्तमान समय में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो चुका है। इसमें धर्म के आधार पर केवल मुसलमानों को छोड़कर गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो संविधान की मूल भावना व धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के विपरीत है। इसके कारण देश का एक बड़ा अल्पसंख्यक वर्ग प्रमुख रूप से मुसलमान व धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले देश के नागरिक इसके दुष्परिणाम को लेकर चितित हैं। पार्टी इस विधेयक का विरोध करती है। देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मंशा के विरुद्ध और भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित किया गया है। जिलाध्यक्ष डा. मो. आसिफ खान ने कहा कि असम के 19 लाख नागरिकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित किया गया। इसमें हिदू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी व इसाई को शरणार्थी माना गया है। इनको नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। इस्लाम धर्म के मानने वालों को घुसपैठिया मानकर उनके साथ भेदभाव किया गया है जो भारतीय संविधान और देशहित के विरुद्ध है। इस मौके पर जिला महासचिव मनोज राव, सुफियान अहमद, अख्तर इम्तियाज, अजहर संजरी, कौशर पठान, रईस अख्तर, फैजुल हक, मो. तारिक, मो. शरीफ अहमद आदि रहे।
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