तत्कालीन सीडीओ,पीड़ी, डीआईओएस से लेकर लेखपाल तक पर होगी कार्रवाई, कई हुए निलंबित
आजमगढ़ 13 दिसम्बर -- विधायक निधि की धनराशि का विद्यालय के नाम पर गलत प्रयोग करने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण की जांच हेतु मख्य विकास अधिकारी की अध्यक्ष्ता में चार सदस्यी टीम की समिति गठित की गयी थी। जिलाधिकारी ने बताया कि गठित समिति द्वारा जांच में पाया गया कि विधायक निधि का प्रयोग ऐसे विद्यालय पर किया गया है, जो वास्तव में जमीन पर बना ही नही है। जांच में पाया गया कि ग्राम बसीरपुर के प्रबन्धक उग्रसेन सिंह द्वारा गाटा संख्या-21 पर 2013-14 में स्कूल की मान्यता ली गयी, जबकि वास्तव में जिस स्कूल से मान्यता ली गयी वह क्यामपुर में संचालित प्राथमिक विद्यालय को दिखाकर मान्यता ली गयी है। इसी के साथ ही उक्त विद्यालय के नाम पर पूर्व विधायक कैलाश यादव द्वारा रू0 5-5 लाख की चार किस्तों में रू0 20 लाख की धनराशि विधायक निधि से स्वीकृत की गयी है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा समिति की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी, जिला जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने इस प्रकरण से सम्बन्धित तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार मिश्र, पीडी शिव कुमार पाण्डेय पर शिथिल पर्यवेक्षण के लिए शासन को कार्यवाही करने हेतु संस्तुति की है। इसके साथ ही तत्कालीन सहायक लेखाकार अनिल श्रीवास्तव डीआरडीए को निलम्बित करने, लेखाकार डीआरडीए शिवमोहन सिंह को आन्तरिक लेखा परिक्षा को विभागीय कार्यवाही करने, ए0ई0 डीआरडीए एनबी सिंह, जे0ई0 डीआरडीए अतुल कुमार सिंह के के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने हेतु शासन को संस्तुति की है। जिलाधिकारी द्वारा उक्त विद्यालय का गलत ढंग से मान्यता देने पर तत्कालीन डीआईओएस हरिश्चन्द्र नाथ को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने तथा डीआईओएस कार्यालय के तत्कालीन बाबू को निलम्बित करने तथा गाटा संख्या-21 पर विद्यालय के सम्बन्ध में गलत रिपोर्ट देने पर लेखपाल को निलम्बित, कानूनगो को विभागीय कार्यवाही करने, तहसीदार को कारण बताओं नोटिस जारी करने तथा इसी के साथ ही प्रबन्धक उग्रसेन सिंह से विधायक निधि के रू0 20 लाख की वसूली करने तथा एफ0आई0आर0 करने के निर्देश दिया गया।
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