मण्डलायुक्त ने भेजी सम्बन्धित तहसीलदार के विरुद्ध राजस्व परिषद को कार्यवाही की संस्तुति आज़मगढ़ 23 दिसम्बर -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने जनपद व तहीसल बलिया के अन्तर्गत ग्राम गोविन्दपुर में नवीन परती की भूमि पर भू-माफिया द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर उस विद्यालय संचालित करने पर योजित वाद में लेखपाल की स्पष्ट आख्या के बावजूद तत्कालीन तहसीलदार (न्यायिक) बलिया द्वारा बेदखली वाद में गत 17 अक्टूबर को गलत ढंग से भू-माफिया को अनुचित लाभ पहुंचाने की नीयत से स्थगनादेश पारित करने पर पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए तत्कालीन सम्बन्धित तहसीलदार के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही प्राम्भ किये जाने की संस्तुति राजस्व परिषद को प्रेषित कर दी है। इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त ने बताया कि उपजिलाधिकारी बलिया द्वारा अवगत कराया गया कि तहसील बलिया अन्तर्गत ग्राम गोविन्दपुर स्थित स्वमी सहजानन्द इण्टर कालेज के विरुद्ध ग्राम की नवीन परती खाते की भूमि गाटा संख्या 120/0.097हे0 पर अवैध रूप से कब्जा करने के कारण लेखपाल द्वारा दी गयी आख्या में यह दर्शाते हुए कि उक्त गांव के पारसनाथ राय पुत्र दीनानाथ राय द्वारा पंचायत की उक्त भूमि पर स्कूल का निर्माण करके अवैध अध्यासन किया गया है। उनके विरुद्ध नुकसानी एवं अवैध अध्यासन से बेदखली के सम्बन्ध में दी गयी आख्या के आधार पर तहसीलदार बलिया के न्यायालय में राजस्व संहित अधिनियम 2006 के अन्तर्गत मुकदमा योजित किया गया। उक्त वाद में तत्कालीन तहसीलदार (न्यायिक) बलिया रामनाराण वर्मा, जो अब तहसीलदार रसड़ा के पद पर कार्यरत हैं, के द्वारा 17 अक्टूबर को वाद की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी, जिसके कारण सीआरओ बलिया के न्यायालय में स्वत्व के वाद का निस्तारण नहीं हो पाया। यह भी बताया गया है कि उक्त पारसनाथ राय जो स्वीमी सहजानन्द इण्टर कालेज गोविन्दपुर के प्रबन्धक हैं, को भू-माफिया भी चिन्हित किया है तथा उनके विरुद्ध थाना नरही में एफआईआर भी दर्ज कराई गयी है। इसके बावजूद चिन्हित भू-माफिया को अनुचित लाभ पहुंचाने की नीयत से तत्कालीन तहसीलदार बलिया श्री वर्मा बेदखली वाद में स्थानादेश पारित किया गया है, जो शासन की मंशा के प्रतिकूल है तथा इससे भू-माफियाओं का मनोबल बढ़ेगा। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने उपजिलाधिकारी बलिया द्वारा 14 अक्टूबर को प्रस्तुत की गयी आख्या तथा अन्य सुसंगत अभिलेखों के दृष्टिगत प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अपर आयुक्त (न्यायिक) अनिल कुमार मिश्र से पूरे प्रकरण की पुनः जाॅंच कराई गयी जिसमें उपजिलाधिकारी बलिया के कथन की प्रमाणिकता सिद्ध पाई गयी। मण्डलायुक्त ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए तत्कालीन तहसीलदार (न्यायिक) राम नारायण वर्मा के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही प्रारम्भ किये जाने की संस्तुति राजस्व परिषद को प्रेषित कर दी है।
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