रानी की सराय क्षेत्र में हुआ था मुनीब हत्याकांड,मुकदमे की विवेचना सीबीसीआइडी से कराने की मांग रखी गई
आजमगढ़ : रानी की सराय क्षेत्र में तीन माह पूर्व हुए मुनीब हत्याकांड के मुख्य आरोपित पूर्व ब्लाक प्रमुख से मृत युवक के परिजनों ने जान के खतरे का अंदेशा जताया है। उनका आरोप है कि जमानत पर छूटने के बाद से ही मुख्य आरोपित मुकदमे को प्रभावित करने के साथ ही स्वजनों पर सुलह करने के लिए धमकी देकर दबाव बना रहे हैं। पीड़ित ने इस मुकदमे की विवेचना सीबीसीआइडी से कराने की मांग की है। रानी की सराय क्षेत्र के बिट्ठलपुर गांव निवासी मुनीब यादव की 23 अगस्त को घर पर चढ़कर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस संबंध में मुनीब के भाई राम सहाय ने रानी की सराय के पूर्व ब्लाक प्रमुख इसरार अहमद के अलावा तीन अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वादी मुकदमा के छोटे भाई मुन्नीलाल यादव ने मंगलवार को नरौली स्थित एक आवास पर पत्र प्रतिनिधियों से वार्ता कर अपने व स्वजन की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई। उनका आरोप है कि मुख्य आरोपित से उनके भाई की काफी अर्से से रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश को लेकर उन्होंने उनके भाई की हत्या करा दी। हत्यारोपित के प्रभाव में आकर पूर्व विवेचक रानी की सराय थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर जब आरोपित के पक्ष में विवेचना करने लगे तो उसने डीआइजी से मिलकर मुकदमे को मऊ जिले के किसी इंस्पेक्टर से कराने की मांग की। डीआइजी के निर्देश के बाद भी रानी की सराय इंस्पेक्टर ने बीस दिन बाद मुकदमे को 7 सितंबर को मऊ स्थानांतरित किया। मऊ क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ने जैसे ही विवेचना शुरू की तभी उक्त विवेचना मोहम्मदाबाद गोहना के इंस्पेक्टर को ट्रांसफर कर दी गई। इधर पुलिस की शिथिलता से मुख्य आरोपित 19 अक्टूबर को जमानत पर जेल से रिहा हो गया। आरोप लगाया की जेल से रिहा होने के बाद मुख्य आरोपित धमकी देकर सुलह कराने के लिए दबाव बनाने लगा। इतना ही नहीं, जेल से बाहर आते ही मुकदमे को भी प्रभावित करने में लग गया। मुख्य आरोपित से सांठ-गांव कर विवेचक ने मुकदमे से मुख्य आरोपित का नाम बगैर उसके स्वजनों के गवाही के ही निकाल दिया। मुख्य आरोपित का नाम मुकदमे से निकलने की जानकारी होने पर उसने आजमगढ़, मऊ के एसपी के साथ ही डीआइजी, एडीजी से लेकर मुख्यमंत्री तक प्रार्थना पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
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