आजमगढ़ : गंभीरपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर शुक्रवार को हुए सड़क हादसे में रिटायर क्लर्क समेत दो लोगों की मौत हो गई। दोनों शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। स्वजनों के चीख पुकार से दोनों के घरों पर कोहराम मचा हुआ है। वहीँ बरदह थाना क्षेत्र के सरावां गांव के सिवान में स्थित तालाब के पास से शनिवार की सुबह पुलिस ने एक वृद्ध का शव बरामद किया। उसकी मौत को लेकर ग्रामीणों में तरह-तरह की कयास लगाए जा रहे हैं। तरवां थाना क्षेत्र के बहोरीकपुर गांव निवासी 66 वर्षीय सजेंद्र मौर्य पुत्र राम लोचन मौर्य शिक्षा विभाग के सेवा निवृत्त क्लर्क है। वे शुक्रवार को दिन में बाइक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में गंभीरपुर क्षेत्र के मई खरकपुर गांव के समीप पहुंचे थे। उसी दौरान पिकअप ने बाइक में टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल वृद्ध की हालत बिगड़ते देख प्राइवेट अस्पताल से डाक्टर ने रात को रेफर कर दिया। स्वजन उन्हें लेकर वाराणसी जा रहे थे कि रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। मृतक के दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं। इसी क्रम में गंभीरपुर क्षेत्र के रसूलपुर बाजबहादुर गांव निवासी 63 वर्षीय मोमफली पुत्र पराहु प्रजापति शुक्रवार की देर शाम को खेत से पैदल अपने घर जा रहे थे। गोसाई की बाजार नहर पटरी के पास पहुंचे थे। उसी दौरान बाइक की चपेट में आ जाने से उनकी मौत हो गई। मृत वृद्ध के एक पुत्र व चार पुत्रियां हैं। खेती बारी कर परिवार का भरण पोषण करते थे। सरावां गांव निवासी 60 वर्षीय हौसला प्रसाद सिंह पुत्र चंद्रबली सिंह शुक्रवार की रात को भोजन करने के बाद फसलों की रखवाली के लिए अपने खेत गए थे। स्वजनों का कहना है कि खेत के पास ही मड़ई स्थित है, वे रात को उसी मड़ई में सोते भी थे। शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने उक्त वृद्ध का शव तालाब के समीप पड़ा देख सन्न रह गए। मौत की खबर पाकर स्वजन भी मौके पर आ गए। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू कर दी। छानबीन के बाद शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। ग्रामीण हत्या कर शव को तालाब के पास फेक दिये जाने की आशंका जता रहे हैं। पूछे जाने पर बरदह थाना पुलिस ने ठंड लगने से मौत होने की संभावना जताई है। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। मृत वृद्ध के तीन पुत्र हैं। वे खेती बारी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।
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