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जल शक्ति अभियान :जल संकट आने वाले समय में सबसे बड़ी चुनौती है -जिलाधिकारी

आजमगढ़ 30 जुलाई-- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में नेहरू हाल के सभागार मे जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के विशेष अभियान का एक दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया कि जल संकट आने वाले समय में सबसे बड़ी चुनौती है, जिस पर गौर करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण/प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। उन्होने बताया कि भारत की 60 प्रतिशत नदियों में जल प्रवाह विगत 10 सालों में काफी कम रह गया है। हर साल दूषित पानी से लाखों व्यक्ति जल जनित बिमारियों से प्रभावित होते हैं, लाखों बच्चों की अकेले डायरिया के कारण मृत्यु हो जाती है। इसके अतिरिक्त पानी में फ्लोराइड एवं आर्सेनिक आदि से होने वाली बीमारियों में लोग त्वचा रोगों से प्रति वर्ष प्रभावित होते हैं।
उन्होने बताया कि भूमिगत जल में आर्सेनिक का स्तर बढ़ गया है, भूमिगत जल में आवश्यकता से अधिक आर्सेनिक होने के मात्रा होने के कारण उनके सेवन से होने वाली बिमारियों को आर्सेनिकोसिस कहा जाता है। उ0प्र0 के अधिकतर जिला मे करीब 01 करोड़ की आबादी आर्सेनिक, फ्लोराइड एवं आयरन के अत्यधिक मात्रा से प्रदूषित मीठे जहर को पीने को विवश हैं, जिससे स्वास्थ्य जनित समस्यायें खड़ी हो रही हैं। भूजल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा पाये जाने से व्यक्तियों में हड्डी रोग जनित समस्यायें हो रही हैं, इससे लोग समय से पहले बूढ़े होने लगे हैं।
आगे जिलाधिकारी ने बताया कि जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण व वर्षा के जल का संचयन करना आवश्यक हो गया है, इसके लिए हमें नदियों, तालाबों को बचाना जरूरी है। यदि नदी तथा तालाब समाप्त हो जायेगा तो हमार अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। जल संरक्षण करने के लिए तालाबों तथा नदियों पर वृक्षारोपण करना होगा तथा इसी के साथ ही साथ जल संरक्षण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जल संरक्षण संबंधी प्रयास, बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर का पुनः उपयोग करना होगा। उन्होने कहा कि हमें जल का प्रयोग आवश्यकतानुसार ही करना चाहिए।
उन्होने कहा कि आज कल हम लोग अपने घरों में टंकी भरकर ओवर फ्लो होती रहती है, उसको हम लोग समय से बन्द नही करते हैं, दाढ़ी बनाते समय नल की टोंटी खुली रहती है, गाड़ी भी हम समरसीबल से धोते हैं जिससे अनावश्यक पानी बर्बाद होता है, यदि हम छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें, तो अनावश्यक पानी बर्बाद होने से बचा सकते हैं। अतः हम लोगों को जल संरक्षण प्रति निरन्तर प्रयास करने की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा से कहा कि आजीविका मिशन समूह की दीदीओं तक मनरेगा की योजनाओं को अधिक से अधिक पहुॅचायें।
इस अवसर पर सीडीओ आनन्द शुक्ला, डीसी मनरेगा बीबी सिंह, डीसी एनआरएलएम बीके मोहन सहित आजीविका मिशन समूह की महिलाएं उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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