बलिया की सेवानिवृत एएनएम का 03 साल से लटकाये हुए हैं जीपीएफ व एरियर आदि का भुगतान
मंडलायुक्त ने चार कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा संदिग्ध किये जाने का निर्देश दिया
आज़मगढ़ 29 जूलाई -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने एएनएम की सेवानिवृत्ति के बाद तीन साल तक जीपीएफ भुगतान, एरियर आदि देयों का भुगतान लम्बित पाये जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए इसके लिए उत्तरदायी चार कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा संदिग्ध करने का निर्देश दिया है। प्राप्त विवरण के अनुसार जनपद बलिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिलकहर से 31 जुलाई 2016 को सेवानिवृत्त हुईं एएनएम गीता सिंह द्वारा गत दिवस मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी को इस आशय का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया कि सेवानिवृत्ति के उपरान्त उप्र परिववार कल्याण महानिदेशालय द्वारा उनके जीपीएफ के 90 प्रतिशत भुगतान की स्वीकृति के बाद अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा निर्गत आदेश के बावजूद सीएमओ कार्यालय बलिया से भुगतान की कार्यवाही नहीं की गयी है। इसके अलावा 7वें वेतन आयोग के वेतन एरियर का भी भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। प्रार्थना पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पहले कार्यालय से सम्पर्क करने पर बताया जा रहा था कि स्वीकृति आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, परन्तु अब कहा जा रहा है कि स्वीकृति सम्बन्धी आदेश की पत्रावली गुम हो गयी है। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने प्रकरण को पूरी गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया से इन सब परिस्थितियों के लिए उत्तरदायी कर्मचारियों का पूर्ण विवरण तलब किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इसके लिए तत्कालीन लिपिक आनन्द दूबे, जो अब सीएमओ कार्यालय गाजीपुर में हैं, तत्कालीन वरिष्ठ सहायक अरुण कुमार चैधरी (सम्प्रति सीएमओ कार्यालय बाराबंकी), वरिष्ठ सहायक उत्तम कुमार वर्मा (सम्प्रति जिला महिला चिकित्सालय बलिया) एवं वरिष्ठ सहायक/पटल सहायक आरके सैनी उत्तरदायी हैं। मण्डलायुक्त ने सीएमओ बलिया द्वारा उपलब्ध कराई गयी आख्या के आधार पर अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य को उत्तरदायी चारों कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा संदिग्ध किये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में जो भी कार्यवाही की जाये उसके सम्बन्ध में अवगत भी कराया जाय।
Blogger Comment
Facebook Comment