2014 के चुनाव के सापेक्ष इस बार नोटा की संख्या में 1,058 की कमी आई
आजमगढ़: लोकतंत्र के महापर्व में अपने मताधिकार के प्रति लोगों में काफी जागरूकता बढ़ी है। यही कारण रहा कि 17वीं लोकसभा के चुनाव में कुछ संसदीय क्षेत्रों को छोड़ जाए तो मतदान फीसद में काफी बढ़ोत्तरी हुई। वहीं, ईवीएम में 'इनमें से कोई नहीें' दिए गए नोटा के विकल्प का भी मतदाता उपयोग कर रहे हैं। अबकी आमचुनाव में दोनों संसदीय क्षेत्रों के कुल 30 प्रत्याशियों को 12,315 मतदाताओं ने नोटा की बटन दबाकर जनप्रतिनिधियों के प्रति अपनी मंशा साफ कर दी है।हालांकि 2014 के चुनाव के सापेक्ष इस बार नोटा की संख्या में 1,058 की कमी आई है।2014 के लोकसभा चुनाव में जिले की दोनों संसदीय सीटों के लिए पड़े मतों में कुल 13,373 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया था। इसमें आजमगढ़ संसदीय सीट पर 7,713 और लालगंज सुरक्षित सीट पर 5,660 मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी के प्रति अपनी असहमति जताते हुए कुल 32 प्रत्याशियों को नकार दिया था। इसमें लालगंज के 14 और आजमगढ़ के 16 प्रत्याशी थे। खास बात यह भी रही कि 2014 के चुनाव में सदर संसदीय सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अबकी चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव के अलावा भोजपुरी सिने स्टार दिनेशलाल यादव निरहुआ भाजपा के प्रत्याशी रहे। इस बार के चुनाव में लालगंज में 5,060 और आजमगढ़ में 7,255 मतदाताओं ने नोटा की बटन दबाई। यही, कुल 6,890 पोस्टल बैलेट में भी 35 मतदाताओं ने नोटा का ही प्रयोग किया।
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