दिन मे पूर्वान्ह 6ः00 बजे से अपरान्ह 10ः00 बजे तक अनुज्ञा की शर्तों के अधीन ही हो सकेगा प्रयोग
आजमगढ़ 29 अप्रैल-- जिला मजिस्ट्रेट शिवाकान्त द्विवेदी ने बताया कि प्रायः यह देखा जा रहा है कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग आमजन द्वारा निर्धारित ध्वनि स्तर से अधिक ध्वनि पर किया जा रहा है। उन्होने बताया कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2019 के आदर्श आचार संहिता भी वर्तमान में लागू है, जिसके दृष्टिगत ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग हेतु अनुज्ञा पत्र भी जारी कराये जा रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग के संबंध में बताया कि शान्त क्षेत्र में किसी प्रकार की संगीत/ढ़ोल/हार्न/लाउडस्पीकर/लोक सम्बोधन प्रणाली के अन्तर्गत प्रतिबन्धित है, सार्वजनिक स्थान जहां लाउडस्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली या ध्वनि का कोई अन्य श्रोत डीजे आदि उपयोग में लाया जा रहा है, में ध्वनि स्तर के लिए निर्धारित ध्वनि स्तर से 10 डी (बी) ए अधिक अधिक या अधिकतम 75 डी (बी) ए जो भी कम हो, से अधिक नही होगा। उन्होने बताया कि लाउडस्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली या ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण जैसे, डीजे आदि का प्रयोग रात्रि में बन्द कमरे के अन्दर ही किया जाना अनुमन्य है। किसी निजी स्वामित्व के परिसर में ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण का प्रयोग इस प्रकार से किया जायेगा कि उत्पन्न ध्वनि का स्तर ध्वनि के मानक स्तर से 5 डी (बी) ए से अधिक नही होगा। उन्होने बताया कि दिन मे पूर्वान्ह 6ः00 बजे से अपरान्ह 10ः00 बजे तक तथा रात्रि 10ः00 बजे अपरान्ह से 6ः00 बजे पूर्वान्ह तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग अनुज्ञा के शर्ताें के अधीन करेंगे। उन्होने बताया कि अनुज्ञा की शर्त एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के प्राविधानों का उल्लंघन पाये जाने की दशा में उत्तरदायी व्यक्तियों के विरूद्ध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है, जिसमें दोषी पाये जाने पर 05 वर्ष का कारावास एवं 01 लाख रू0 का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जायेगा।
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