मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान अभिमुखीकरण कार्यक्रम सम्पन्नआज़मगढ़ 30 अक्टूबर -- मण्डलायुक्त जगत राज की अध्यक्षता में उनके कार्यालय के सभागार में मंगलवार को शासन द्वारा संचालित कार्यक्रम रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की प्रगति की समीक्षा के साथ ही अभिमुखीकरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। बैठक को सम्बोधित करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान योजना के सफल क्रियान्वयन में स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस विभाग के नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है, इसलिए सम्बन्धित अधिकारियों को इसके प्रति पूरी तरह संवेदनशील रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह योजना मुख्य रूप से एसिड अटैक की शिकार महिलाओं को मुआवजा स्वरूप समयवद्ध धनराशि उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित की गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि एसिट के अलावा अन्य घातक कैमिकल के अटैक से प्रभावित महिलाओं को भी इस योजना के तहत लाभान्वित किये जाने का प्राविधान है। मण्डलायुक्त जगत राज ने कहा कि इसके रूल आफ 9 के अन्तर्गत महिला का चेहरा शरीर का 4.50 प्रतिशत होता है तथा आधा चेहरा जलने पर मुआवजा 3 लाख रुपये दिया जाता है। उन्होंने कहा कि चेहरे के अलावा चेहरे के अलावा हाथ पाॅंव या अन्य अंगों के प्रभावित होने पर भी मुआवजा देय होता है। मण्डलायुक्त ने बैठक में उपस्थित समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शासन द्वारा जारी नियमावली काफी स्पष्ट, उसका बारीकी से अध्ययन कर लिया जाय ताकि एसिड अटैक से प्रभावित महिला को मुआवजे की धनराशि भुगतान में विलम्ब से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पयाप्त धनराशि उपलब्ध है तथा एसिड अटैक घटनायें भी यदाकदा ही होती हैं, इसलिए मेडिको लीगल के नोडल अधिकारी के साथ ही पुलिस विभाग के नोडल अधिकारी भी इसके प्रति सदैव सजग रहें, यदि दुर्भाग्यवश कोई ऐसी घटना हो जाती है तो मेडिकल रिपोर्ट एवं दर्ज एफआईआर को उसी दिन पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने कहा कि एसिट अटैक के प्रति मा0 सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह गंभीर है, इसलिए इसमें मेडिकल रिपोर्ट, दर्ज एफआईआर को पोर्टल पर अपलोड विलम्ब से करने अथवा भुगतान में शिथिलता बरतने वाले अधिकारी किसी भी दशा में बख्शे नहीं जायेंगे। जिलाधिकारी श्री द्विवेदी ने यह भी कहा कि शासन द्वारा जो नियमावली बनाई गयी उसके पीछे मंशा मानवीय संवेदनायें हैं, इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि कानूनी दृृष्टि के साथ ही मानवीय संवेदनाओं को भी दृृष्टिगत रखते हुए तत्परता से अग्रेतर कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐसे मामले में मृृत्यु हो जाने के दशा में अविलम्ब लाभार्थी को भुगतान की कार्यवाही की जाये। जिलाधिकारी ने भी मेडिको लीगल एवं एफआईआर अपलोड करने में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए तथा विक्टिम को एक लाख की पहली किस्त का भुगतान भी निर्धारित अवधि के अन्दर हो जाना चाहिए। जिलाधिकारी श्री द्विवेदी ने कहा कि नियमावली में दी गयी व्यवस्था के अनुसार एसि अटैक से प्रभावित महिला का मुफ्त इलाज व अन्य सुविधायें दिये जाने भी प्राविधान है। उन्होंने इस सम्बन्ध में तीनों जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारियों को तद्नुसार नियमित मानीटरिंग करने का निर्देश दिया। बैठक में लखनऊ से आये स्टेट मेडिकल लीगल सेल के डा. जी. खान ने रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी तथा उपस्थित सम्बन्धित अधिकारियों की जिज्ञासाओं को भी दूर किया। इस अवसर पर उनके द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से एसिड अटैक, बाल दुराचार से प्रभावितों की मेडिकल प्रक्रियाओं, पुलिस विभाग महिला कल्याण विभाग की जिम्मेदारियों को भी विस्तार से बताया गया। बैठक में उप निदेशक महिला कल्याण ओंकार नाथ यादव, पुलिस अधीक्षक यातायात तारिक मुहम्मद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रविन्द्र कुमार, आज़मगढ़ एवं मऊ के जिला प्रोबेशन अधिकारी क्रमशः बीएल यादव व समर बहादुर सरोज सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के मण्डल एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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