आजमगढ़:: परिवहन निगम के कर्मचारियों की मनमानी व पुलिस की एक पक्षीय कार्यवाही का विरोध आमरण अनशन के रूप में गुरूवार को भी जारी रहा। भुख हड़ताल पर बैठे हिन्द सेवा दल निषाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशुन निषाद के नेतृत्व में आजमगढ़ निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक का प्रतिकात्मक शव यात्रा निकालकर रोडवेज तिराहे पर ही अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान लोगों ने निगम के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारे लगाते हुए प्रदर्शन भी किया। पूरे आमरण अनशन पर पहुंचकर सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया और आगे की रणनीति तैयार किया।
भूख हड़ताल पर बैठे सेना के अध्यक्ष रामकिशुन निषाद ने कहाकि जनसमस्याओे को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते है कि सूबे में कानून का राज स्थापित है लेकिन जनपद में तो कही नही लग रहा है कि कानून का राज स्थापित है। यहा सड़क पर हंगामा करने वालों को छोड़कर निर्दोषों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। इसका कई दिनों से विरोध भी हो रहा है लेकिन यहां का जिला प्रशासन मौन साधे हुए है। तिराहे पर रोडवेज बसांं के खड़ा होने से हो रही जनसमस्याओं से जिला प्रशासन का कोई लेना देना नही रह गया है। उन्होंने कहाकि शुक्रवार को जिले में होने वाले उप मुख्यमंत्री के दौरे का सेना के कार्यकर्ता इसी अंदाज में विरोध करेंगे। इसके आद भी अगर शासन- प्रशासन नही जागा तो आंदोलन और तेज होगा।
अतरौलिया विधान सभा के प्रभारी छविराज निषाद ने कहाकि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में निषाद समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आज निषाद सेना के
मुखिया रामकिशुन निषाद जनसमस्याओें को लेकर दो दिन से भूख हड़ताल पर बैठें हैं लेकिन शासन-प्रशासन का कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि इनका हाल जानने नही आया। उन्होंने कहाकि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का जनसस्याओं से कुछ लेना देना नही है। केवल आश्वासन की घुट्टी पिलाकर कागजों में मामले का निस्तारण किया जा रहा है। ऐसी कार्यवाही से कभी न तो न्याय की उम्मीद की जा सकती और न ही रामराज्य की स्थापना हो सकती है।
जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश यादव ने उप मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहाकि जनसमस्याओं को देखते हुए रोडवेज बसो के ठहराव के लिए तत्काल अस्थाई व्यवस्था किया जाय और निगम के दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाय ताकि लोगों में शासन के प्रति विश्वास देखने को मिले। उन्होंने कहाकि यूनियन बैंक शाखा सहदेवगंज के कर्मचारियों ने किसानों के एनपीए खातों का नोटबंदी के दौरान फर्जी तरीके से संचालन कर अपने चहेतों को लाभ पहुचाया गया वही मजबूर किसानों के साथ छल किया गया। जिसके चलते किसानो को अब कर्ज माफी का लाभ नही मिल पा रहा है।
इस अवसर पर प्रवीण सिंह, विवेक पांडेय, सुजीत भूषण, डीपी तिवारी, राजेश यादव, संजय सिंह, राकेश गौतम, प्रेम निशाद, लालसा निशाद, हरेन्द्र यादव, राजनाथ यादव, हौसला निशाद, कैलाश यादव, जामवंत यादव, राजीब गौतम, हरिराम, बृजेश, अखिलेश राजभर, रामपत्त निषाद, महेन्द्र यादव, जितेन्द्र, परमानंद गौतम, दयानंद, कमलेश निशाद, चुल्लर, मनोज भारती, हृदय, विशाल भारती, गुट्टूर, कुन्दन यादव, प्रमोद प्रजापति, सोनू निशाद, अमरनाथ यादव, राकेश यादव, धर्मेन्द्र निशाद, मोती चन्द्र निशाद, मो अनीस, द्वारिका निशाद, जितेन्द्र निशाद, इन्दल निशाद, महेन्द्र निशाद, शिव प्रसाद निशाद, जगदीश निशाद, सुल्लुर, निशाद, खुद्दुर निशाद, मोहम्मद अबु बेग, मु अबु सालिम, मु अनीस, मु इमरान, रामनाथ निशाद, राजपति यादव, ओमप्रकाश यादव, राजनाथ यादव, विजय बहादुर यादव, रोहित यादव, योगेन्द्र निशाद, सतिराम यादव, कमलेश, अजीत, अषोक, बबलू निशाद, दयालु, रामकेष, निरही भारती, मनकू निशाद, दीपचन्द्र, कुंवर, हृदयनरायन, अषोक, वंषीलाल, रामचेत, इन्दल निशाद, रामअवध,रामचेत, रमेष, हिमांशु, निशाद, कन्हैया निशाद, दिव्यांशु निशाद, परमानन्द, सीताराम निशाद आदि सहित स्थानीय लोग भी शामिल रहे।
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