आजमगढ़: यूपी की योगी सरकार ने अपना दूसरा बजट शुक्रवार को पेश किया। बजट में सरकार से लोग तमाम उम्मीदें पाले थे लेकिन इसके विपरीत सरकार ने मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र को ऐसा कुछ नहीं दिया जिसका उल्लेख किया जा सके। यहां तक कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय भी अपना वादा पूरा नहीं किये। जबकि मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नेता आजमगढ़ को अपनी प्राथमिकता वाला जिला बताते हैं। बजट से जिले का हर वर्ग निराश है। कारण कि लोगों को उम्मीद थी कि सरकार यहां कोई बड़ी परियोजना जरूर देगी। बता दें कि सपा के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव का संसदीय क्षेत्र होने के कारण आजमगढ़ वीआईपी जिलों में गिना जाता है। सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में आजमगढ़ चीनी मिल, कृषि विश्वविद्यालय कैंपस, डेयरी सहित कई बड़ी परियोजना दी। यह अलग बात है कि सपा सरकार की कई परियोजनाएं आज भी अधूरी है। वर्ष 2017 में यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ और पड़ोसी जनपद गोरखपुर के योगी आदित्य नाथ सीएम बने तो लगा कि पूर्वांचल के साथ आजमगढ़ के विकास पर सरकार खास ध्यान देगी। खुद सीएम ने अपनी आजमगढ़ यात्रा में कहा कि जिला उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसके बाद लोगों की उम्मीद और बढ़ गई। उम्मीद थी कि सरकार बजट में आजमगढ़ के लिए कुछ खास परियोजना देगी। सरकार के पहले बजट ने लोगों को निराश किया तो दूसरे बजट पर हर कोई टकटकी लगाए बैठा था। बजट करीब देख एक बार फिर आजमगढ़ में विश्वविद्यालय की मांग जोर पकड़ने लगी थी। एक सप्ताह पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्रनाथ पांडये अग्रसेन महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे तो मंच से वादा किया कि आजमगढ़ में वे विश्वविद्यालय के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे और पूरा प्रयास करेंगे कि यहां विश्वविद्यालय की स्थापना हो। इसके बाद लोगों की उम्मीद सरकार से और बढ़ गई थी। सुबह से लोग बजट पर टकटकी लगाए बैठे थे लेकिन जब सरकार ने आजमगढ़ के लिए कुछ नही तो लोगों में निराशा भी साफ दिखी। वैसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट योजना के तहत अगर साड़ी या पाटरी उद्योग के लिए सरकार कुछ करती है तो कुछ लोगों को फायदा जरूर मिलेगा। इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ से होकर गुजरेगा लेकिन इस योजना में सरकार ने मात्र एक हजार करोड़ का वजट दिया है। जबकि परियोजना करीब 13 हजार करोड़ की है। ऐसे में इसके लिए भी लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। समाजसेवी एसके सत्येन, व्यवसायी ओम प्रकाश अग्रवाल, सर्वेश जायसवाल, मुख्खू अग्रहरी, मिथिलेश पांडेय आदि का कहना है कि सरकार ने आजमगढ़ के साथ भेदभाव किया है। सरकार को आजमगढ़ के लिए कुछ नई परियोजना देनी चाहिए थे। खासतौर पर शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार से कुछ नया करने की उम्मीद थी लेकिन सरकार ने निराश किया है। यह एक सामन्य बजट है जिसमें सभी को लुभाने का प्रयास किया गया है।
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