आजमगढ़: मंदुरी हवाई पट्टी को कामर्शियल हवाई अड्डा बनाने की प्रक्रिया तेज हो गयी है। इसे (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) के तहत हवाई अड्डे के रूप में विकसित कर घरेलू उड़ान शुरू करने के लिए विशेष सचिव उड्डयन सूर्यपाल सिंह गंगवार स्टेट प्लेन से यहां पहुंचे। उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एएआई) और प्रशासन के अधिकारियों के साथ दोनों हवाई पट्टियों का निरीक्षण किया। इस दौरान उड़ान शुरू करने में आ रही बाधाओं की जानकारी ली तथा विभागीय अधिकारियों को उन्हें दूर करने का निर्देश दिया। विशेष सचिव वहीं पर अधिकारियों संग बैठक की। पाया गया कि यहां की अधूरी 280 मीटर बाउंड्री को दुरुस्त करा और लो लाइन एरिया का भराव कराने के बाद 42 सीटर प्लेन से घरेलू उड़ान शुरू की जा सकती है। इसे आजमगढ़ ही नहीं आसपास के जिलों के लिए भी बड़ी सौगात माना जा रहा है। मंदुरी हवाई पट्टी से शुरुआती दौर में लखनऊ के लिए 42 सीटर की उड़ान जल्द शुरू हो जाएगी। उसके बाद हवाई अड्डा के लिए सारी सुविधाएं पूरी हो जाने के बाद 80 सीटर का हवाई जहाज अन्य शहरों के लिए भी उड़ान भरेगा। एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया और उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन मंदुरी हवाई अड्डे का संचालन होगा। सहायक प्रबंधक वायुयान यातायात नियंत्रक व नोडल अधिकारी उड़ान संतोष मौर्य ने बताया कि योजना के तहत प्रथम चरण में मंदुरीहवाई पट्टी से लखनऊ के लिए 21 सीटर का छोटा हवाई जहाज उड़ेगा। दूसरे चरण में बड़े शहरों के लिए 80 सीटर जहाज के परिचालन की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाएगी। इसके लिए सबसे पहले तो रनवे की लंबाई 1400 मीटर से बढ़ाकर 1900 मीटर करनी होगी। साथ ही रनवे-14 की तरह मंदुरी हवाई पट्टी के रनवे का विकास किया जाएगा। इसके तहत आने और जाने वाले हवाई जहाज के यात्रियों के बैठने, टर्मिनल आदि व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। डायरेक्टर नागरिक उड्डयन विभाग एसपी गंगवार के अलावा एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया के उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय से संयुक्त महाप्रबंधक केएल वर्मा एवं सहायक महा प्रबंधक गुरमीत सिंह के साथ डाटा एकत्र करने संग विस्तारीकरण का प्रारूप बन गया है। मंदुरी हवाई पट्टी पर जानकारी लेते टेक्निकल टीम के अधिकारी ने बताया कि एयरस्ट्रिप डेवलप करने के लिए सरकार पॉलिसी में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को भी बढ़ावा देगी। कंपनियों को रियायत देने का भी प्रावधान है। राज्य सरकार की एविएशन पॉलिसी में छोटे शहरों में हवाई यात्र को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से 1600 रुपये और राज्य सरकार की तरफ से 400 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। यानी 4500 रुपये के किराए में 2000 रुपये की सब्सिडी देकर 2500 रुपये में सरकार हवाई यात्र करवाएगी।
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