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समूहन नाट्य समारोह : साहित्यकार 'निर्मोही' को श्रद्धांजलि में अर्पित हुई तीसरी संध्या


आज़मगढ़़: जनपद के राहुल सांकृत्यायन प्रेक्षागृह में चल रहे समूहन कला संस्थान द्वारा आयोजित ‘समूहन भ्राम्यमान नाट्य समारोह’ की तीसरी संध्या के मंच पर शिशु नाट्य विद्यालय गौहाटी की प्रस्तुति ‘‘खेल ना’’ का शानदार मंचन सम्पन्न हुआ। इसके पूर्व एम्बिंयास प्रस्तुति के अन्तर्गत देशभक्ति गीतों को प्रस्तुत कर साधना सोनकर ने दर्शको को भावुक कर दिया। समारोह की इस संध्या का शुभारम्भ दरोगा सिंह, आर0 टी0 ओ, आज़मगढ़ और संजय सिंह, निदेशक, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर समारोह के सफल संचालन के लिए अशोक कुमार अग्रवाल, डाॅ0 अलका सिंह, पुष्पा श्रीवास्तव, प्रवीन कुमार सिंह को सम्मानित किया गया। दिनेश सैनी, संजीव पाण्डेय, डाॅ0 दीपक साहा और निदेशक राजकुमार शाह ने सभी का सम्मान किया। 
नाटक ‘‘खेल ना’’ बच्चों के परिवेश की कहानी है , जो एक अत्यंत रोचक विषय को लेकर गढ़ी गई है। एक खिलौने की दुकान जिसका दरवाजा विगत दस वर्षों से नही खुला है। उसके खुलने का इन्तजार सबसे ज्यादा बेसब्री से कर रहे हैं उसके अंदर बंद चार खिलौने - एक रेल, एक तोता, एक गुड़िया और एक कुत्ता। यह चारो उदास हैं और मिलना चाहते हैं उन बच्चों से जो उनके साथ खेल सके और उनके अस्तित्व को अर्थ प्रदान कर सकें।
चारों खिलौने निर्णय लेते हैं उस बन्द दुकान से बाहर निकल कर उन्हें बहुत प्यार करने वाले दुकान के मालिक और उनके साथ खेलने वाले बच्चों को खोजने का। खेल ना की यात्रा इसी तलाश में आगे बढ़ती है और इस यात्रा में खिलौनों की अलग-अलग प्रकार के बच्चों से मुलाकात होती है। कुछ बहुत गम्भीर, कुछ पढ़ाकू , कुछ बहुत शरारती और कुछ हँसमुख और मिलनसार। इनमें से किन बच्चों के साथ खिलौने रहना चाहते हैं, यही इस कहानी में खोज का विषय है। मंच पर अभिनय कर रहे पात्रों में खिलौना डाॅग की भूमिका जुईन अहमद, खिलौना तोता सृष्टि शर्मा, खिलौना गुड़िया अनन्दिता गोगोइ और खिलौना रेल की भूमिका अपूर्वा शर्मा ने बखूबी निभाई। श्येमोलिमा दास, अंकिता शर्मा बरदोलोइ, निशांकिता शर्मा, कुकिल दास, जुबिन दास, जाॅन कलिता, धीरज दास ने भी सराहनीय अभिनय किया। नाटक का संगीत दिगंत शर्मा ने दिया जिसका संचालन सौरव वैश्य ने किया। मंच प्रबंधन प्रदीप राॅय, काॅस्ट्यूम रूनुमी देवी ने किया। गौहाटी शिशु नाट्य विद्यालय की इस प्रस्तुति का प्रकाश परिकल्पना, नाट्य आलेख एवं निर्देशन मानिक राॅय ने किया, जो न सिर्फ प्रभावशाली रहा बल्कि लोगों के अन्तर्मन को छूने में सफल रहा।
‘समूहन भ्राम्यमान नाट्य समारोह’ की तीसरी संध्या कल रात्रि दिवंगत हुए जनपद के साहित्यकार एवं भोजपुरी के प्रसिद्ध कवि रामप्रकाश शुक्ल ‘निर्मोही’ के नाम श्रद्धांजलि के रूप में अर्पित की गई। अभी कल ही इस मंच से उनका नाटक अजब गजब इंसाफ इहां का मंचन राजकुमार शाह के निर्देशन में हुआ है। श्री शाह ने रामप्रकाश शुक्ल ‘निर्मोही’ के साथ किये गये रंगमंचीय कार्यो को साझा करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि  दी। शो मस्ट गो आॅन की परम्परा में नाटक का मंचन हुआ और अंत में उन्हें याद करते हुए उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की गई। 



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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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