आज़मगढ़: सफेद दाग को लेकर लोगों के मन में मौजूद भ्रांतियों को दूर करने के लिए इंडियन मेडिकल आर्गेनाइजेशन एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को शहर के अग्रसेन महिला महाविद्यालय में सफेद दाग जागरूकता अभियान की शुरुआत हुई। वक्ताओं ने सफेद दाग के प्रति लोगों के मन में मौजूद भ्रांतियों को दूर किया। जागरूकता अभियान के अंतर्गत आयोजित विमर्श में बतौर वक्ता मंडलीय चिकित्सालय आज़मगढ़ के प्लास्टिक सर्जन डॉ सुभाष सिंह ने कहा कि हमारे देश में सफेद दाग के प्रति बहुत सारी भ्रांतियां लोगों ने पाल रखी हैं जिसका खामियाजा सफेद दाग वाले लोग प्रतिदिन भुगतते हैं। सफेद दाग जलने, कटने, जन्मजात एवं स्किन का रंग बनाने वाली कोशिकाओं के मरने के कारण होता है। चिकित्सा के क्षेत्र में सफेद दाग को हटाने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है प्रारंभिक तौर पर दवाओं के प्रयोग के साथ ही साथ दूसरे स्थान के चमड़े को सफेद दाग पर लगाकर हमेशा के लिए उसे मिटा दिया जा रहा है। बतौर वक्ता चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ पारिजात बरनवाल ने कहा कि सफेद दाग को लेकर पढ़े लिखे होने के बावजूद हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक नहीं होता है। बहुत सी लड़कियों की शादी एक छोटे से सफेद दाग के कारण नहीं होती है आज तमाम ऐसे उदाहरण हमारे सामने आ रहे है पति पत्नी के संबंध विच्छेद होने में सफेद दाग कारण बन रहा है। इसे एक बड़ी बीमारी के रूप में हम लेते हैं जबकि चिकित्सक की नजर में यह सिर्फ कॉस्मेटिक समस्या है। हम इसे कुष्ठरोग समझ लेते हैं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। संगिनी सचिव डॉ माधुरी सिंह ने कहा कि महिलाओं को सोच बदलने की जरूरत है।यह कहीं से न समझे कि हम कमजोर है। आईएमए की सचिव डॉ अर्चना मैसी ने कुष्ठ रोग और सफेद दाग के प्रति छात्राओं की जिज्ञासाओं को दूर किया। महिला मंडल की अध्यक्ष पूनम सिंह ने सफेद दाग वाली दोस्त की कहानी सुनाई। राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ निशा कुमारी ने संचालन किया। इस अवसर पर इनरव्हील क्लब की अलका सिंह, डॉ वंदना द्विवेदी, डॉ अर्चना उपाध्याय, डॉ अर्पिता मिश्रा, डॉ पूनम श्रीवास्तव, डॉ रागिनी गौतम, आराधना सिंह, डॉ अनुभा श्रीवास्तव समेत छात्राएं मौजूद रही।
Blogger Comment
Facebook Comment