ग्राम स्तर से विभागीय स्तर तक बड़ी मिलीभगत का चौंकाने वाला खुलासा
आजमगढ़: आखिरकार पुलिस ने उलझी हुयी गुथ्थी सुझा ही ली। पर इस सुलझन में कई छोटे बड़े उलझने जा रहे हैं। आगे उलझने वालों प्रशासनिक बैंक अधिकारी तक शामिल हो सकते हैं । 20 साल से लापता आदमी की जमीन को फर्जी तरीके से भूस्वामी बनकर राजमार्ग के मुआवजे का भुगतान लेने वाले कारनामे में शामिल दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को इन आरोपियों की लंबे समय से तलाश थी। बता दें कि भूमि आध्यापति कार्यालय अमीन योगेन्द्र सिंह द्वारा 02 नवंबर 2017 को शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया था। आरोप था कि राष्ट्रिय राजमार्ग संख्या 233 के निर्माण के दौरान अतरौलिया थना क्षेत्र के भीलमपुर छपरा गांव की भूमि अधिग्रहित की गयी थी। मुआवजा भुगतान के दौरान आराजी संख्या 86 अधिग्रहित रकबा 0.1730 हेक्टयर के भू स्वामी सुग्रीव पुत्र धनई के स्थान पर दूसरे व्यक्ति ने अपने आपको उक्त भूमि का स्वामी सुग्रीव बताते हुए मुआवजे का भुगतान अपने फर्जी बचत खाते में 95,89,823 रूपया करा लिया है। क्षेत्राधिकारी नगर सच्चिदानन्द के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली योगेन्द्र बहादुर सिंह मामले की जांच में जुटे थी। इसी बीच रविवार को मुखबिर से सूचना मिली कि फ्राड करने वाले रोडवेज पर मौजूद है। पुलिस टीम ने रोडवेज पहुंचकर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी परशुराम दुबे पुत्र स्व. चन्द्रभान दुबे रौनापार थाना क्षेत्र के खेतापुर तथा विजय प्रकाश मिश्रा पुत्र स्व. हरिद्वार मिश्रा अतरौलिया थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया गांव के रहने वाले हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि हमारी मुलाकात बेलकुण्डा बाजार में बेद प्रकाश मिश्रा पुत्र स्व. हरिद्वारा मिश्रा निवासी मिश्रौलिया थाना अतरौलिया जनपद आजमगढ़ से हुई। उन्होने अपने साथ के दयानन्द तिवारी पुत्र विजय तिवारी निवासी भीलमपुर छपरा थाना अतरौलिया से मिलवाया। दोनां ने बताया कि भीलमपुर के सुग्रीव पुत्र धनई की जमीन फोरलेन सड़क में अधिग्रिहित हो रही है। वह पिछले 20 वर्षो से लापता है। तुम सुग्रिव पुत्र धनई बन जाओ तो तुम्हे कई लाख रूपया मिलेगा। इस पर परशुराम सुग्रीव पुत्र धनई बनने को तैयार हो गया। इसके बाद फ़र्ज़ी पैन कैर्ड व आधार कार्ड लेकर वेद प्रकाश के घर पहुंचा जहाँ उसकी मुलाकात वेद प्रकाश मिश्रा से हुई। तीनो मिलकर फर्जी जमीन सम्बन्धित पेपर तैयार कर ग्राम अजगरा निवासी सुमन सिंह के पास गये। सुमन सिंह द्वारा अधिकारियो के यहां पैरवी की गयी तथा 3 अगस्त 2017 को सिविल लाइन आजमगढ़ स्थित एक बैंक शाखा में भूमि अध्यापति कार्यालय से 95,89,823 का भुगतान किया गया। इसके बाद चार अगस्त को 21 लाख रूपया परशुराम द्वारा सुग्रीव बनकर निकाला गया। फिर 5 को चेक के माध्यम से पैसा ट्रान्सफर कर लखनऊ की एक बड़ी सर्राफा फर्म से 43 लाख रूपया का सोना खरीदा गया व 2 लाख का बीमा कराया गया। इसके बाद आठ को 20 लाख 50 हजार रूपया निकाला गया। इस मामले में बैंक कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई जिन्होंने इतनी बड़ी रकम के मामले में केवाईसी प्रक्रिया का सही से अनुपालन नहीं । साक्ष्य के आधार पर उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर रही है। पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने बताया कि इस मामले में फरार आरोपी वेदप्रकाश मिश्र पुत्र स्व. हरिद्वार मिश्र, निवासी मिश्रौलिया थाना अतरौलिया, सुमन सिंह पत्नी राम अवतार सिंह निवासी अजगरा थाना अतरौलिया, दयानन्द तिवारी उर्फ मोटू तिवारी पुत्र विजय तिवारी, निलासी-भीलमपुर छपरा, थाना-अतरौलिया के गिरफ्तारी का प्रयास जारी है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा। जो भी हो इस खुलासे से ग्राम स्तर से ले कर विभागीय जिम्मेदारों को शक के घेरे में ला दिया है।
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