आजमगढ़ : सठियांव ब्लाक के सीहीं गांव में रविवार को कर्बला के शहीदों की याद में मजलिसे अजा का आयोजन किया गया। इस दौरान शिया समुदाय के लोगों ने अलम मुबारक, ताबूत व जुलजेनाह का जुलूस अकीदत के साथ निकाला, जो कर्बला में जाकर समाप्त हुआ। इसमें विभिन्न अंजुमनों ने शिरकत करते हुए नौहाख्वानी व सीनाजनी किया। सठियांव के सीहीं गांव में शोहदाये कर्बला की याद में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना शरब नकवी ने कहा कि इमाम हुसैन ने इंसानियत व एकता का पैगाम दिया। जहां शराफत है, वहां इमामे हुसैन का फर्शे अजा बिछाया जाता है। यही वजह है कि महात्मा गांधी, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भी कहा कि अगर हमको कर्बला के 72 शहीदों जैसे साथी मिल जाते तो हम 24 घंटे के अंदर देश को आजाद करा लेते। ऐसे में यह दावे के साथ कहा जा सकता है कि शरफत, इंसानियत और एकता की गूंज पूरे संसार में इसी दर से फैली है। इसके बाद अलम, ताबूत व जुलजेनाह का जुलूस सैयद नजी असगर के दरवाजे से निकाला गया। इसमें अंजुमन हैदरी कोपागंज, अंजुमन नूरे इस्लाम जलालपुर, अंजुम जाफरिया अकबरपुर, अंजुमन मजलूमिया पुरामारूफ, अंजुमन अब्बासिया सीहीं के मेम्बरान ने नौहाख्वानी व सीनाजनी किया। यह जुलूस विभिन्न कदीमी रास्तों से होते हुये शाम को सीहीं स्थित कर्बला पर जाकर समाप्त हुआ। इस मौके पर मीसम अब्बास, इस्माईल फारूखी, अलमदार हुसैन, अफसर हुसैन, अरशद हुसैन, कमर आजमी, तजम्मुल हुसैन, कसीम आजमी आदि लोग मौजूद रहे।
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