आजमगढ़ 31 अक्टूबर -- शासन के निर्देशानुसार लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय अखण्डता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्र्यापण किया तथा राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ दिलाया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि सरदार भाई पटेल एक ऐसे व्यक्तित्व थे। जो न केवल भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के वीर सेनानी थे, बल्कि जिसने स्वतन्त्र भारत को एक सूत्र में पिरो दिया। उन्होने गांधी जी की प्रेरणा से बारडोली के किसानों को संगठित करके देश में जागरण की नई ज्योति प्रज्जवलित की अपनी उभरती हुई वकालत को छोड़ कर उन्होने राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया और त्याग का नया आर्दश लोगों के सामने प्रस्तुत किया। बारडोली की सफलता से उन्हे सरदार की उपाधि मिली और भारत के देशी राज्यांे को स्वतन्त्र भारत मंे मिलाने के महान कार्य से वे लौह पुरूष के नाम से प्रसिद्ध हुए। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में आगे बताया कि सरदार बल्लभ भाई पटेल का देश की सेवा उनके जीवन का परम लक्ष्य था। खेड़ा सत्याग्रह, बारडोली आन्दोलन, डान्डी यात्रा, सविनय अवज्ञा आन्दोलन, व्यक्तिगत सत्याग्रह और अन्त में भारत छोड़ो राष्ट्रीय आन्दोलन में सरदार बल्लभ भाई पटेल सबसे आगे थे। वह स्पष्ट वक्ता थे और दृढ़ प्रतिज्ञ थे। उनके मार्ग से कोई विचलित नही कर सकता था। जो निश्चय कर लेते, उसे पूरा करके ही छोड़ते थें। वह स्वतन्त्रा युद्ध के एक महान सेनानी थें। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं जैसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष आदि ने भी सरदार बल्लभ भाई पटेल के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी प्रसाशन लवकुल कुमार त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीके गुप्ता, सीआरओ आलोक कुमार वर्मा, अपर जिला सूचना अधिकारी अंजनी कुमार मिश्र, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी आदि उपस्थित रहें।
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