आजमगढ़ : गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत में दो आरोपियों को पांच-पांच साल की कैद तथा 12-12 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-दो संतोष कुमार तिवारी ने सोमवार को सुनाया । मामला जहानागंज थाने के गंभीरवन बड़ेलाताल स्थित कुटी का है। कुटी की खेती योग्य कुछ जमीन भी है। कुटी के खेत में मटर बोई गयी थी। आरोपी सधकू राजभर निवासी निन्दीपुर थाना जहानागंज का लड़का दुर्गविजय नौ दिसंबर 1996 की शाम गाय चरा रहा था। दुर्गविजय की गाय मटर के खेत में चली गयी तो बाबा सेवक दास ने दुर्गविजय को डांट दिया। इससे नाराज होकर उसी रात लगभग नौ बजे सधकू, पान उर्फ पाना राजभर पुत्र सधकू, मोती पुत्र कंता राजभर ने कुटी में घुसकर जातिसूचक गालियां देते हुए सेवक दास को लाठी डंडे से बुरी तरह से मारा-पीटा। घायल सेवकदास की सदर अस्पताल में 10 दिसंबर 1996 को मृत्यु हो गयी। पुलिस ने जांच के बाद सधकू, मोती तथा पाना के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में भेज दी। मुकदमे के दौरान आरोपी सधकू की भी मौत हो गई। अभियोजन अधिकारी महेंद्र गुप्ता ने सत्यदेव दास, एसओ दिनेश चंद्र राय, एसआई सद्गुरू शरण सिंह, सीओ केदारनाथ को बतौर गवाह कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मोती व पाना को पांच-पांच वर्ष की कैद तथा 12-12 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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