आजमगढ़: देश भर के साथ जनपद आजमगढ़ में स्वच्छता अभियान की बयार चल रही है पर मेहनगर विधानसभा के कटाई गांव को एक बार देख लिया जाय तो आंख खुल जायेगी। जिले में बरसात महीने भर से नहीं हुई है लेकिन इस गांव के आलीशान बंगलों के आसपास भी जलजमाव है। कारण कि गांव से जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। रास्ते भी बद से बदतर है। निर्माण के नाम पर लाखों के घोटाले का आरोप है लेकिन ग्रामीणों का दर्द न तो अखिलेश की सरकार ने समझा था और ना ही अब योगी के अधिकारी समझ रहे है। जबकि इस गांव में कई लोग अधिकारी है लेकिन उनकी भी शिकायत नहीं सुनी जा रही है। गांव की हालत यह है कि जगह जगह जल जमाव है। पानी सड़ रहा है, उसमें कीड़े पड़ गए है लेकिन गांव के पुरूष और महिलाएं इसी गंदे पानी से होकर गुजरती है। जिससे इनके हाथ पैर में सड़न तो हो ही रही है साथ थी बच्चे संक्रमण का शिकार हो रहे है। गांव के लोग तहसील दिवस से लेकर डीएम और मुख्यमंत्री तक से शिकायत कर चुके है लेकिन इनकी शिकायत को कोई संज्ञान में नहीं लिया। यूपी में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद गांव के लोगों ने 24 जुलाई को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर ग्राम प्रधान पर मानक के विपरीत नाली बनवाने का आरोप लगाया। साथ ही यह भी बताया गया कि लाईट, हैंडपंप मरम्मत, बिना निर्माण के बीस सोख्ता का भुगतान, फर्जी नाली निर्माण दिखाकर भुगतान का आरोप लगाया लेकिन लेकिन आज तक इस मामले की जांच तक नहीं कराई गई। यहीं नहीं 13 सितंबर को ग्रामीणों ने एसडीएम और डीएम से मिलकर जल जमाव से निजात दिलाने की मांग की आरोप लगाया कि गांव के नाले की 20 साल से सफाई नहीं हुई है फिर भी अधिकारी मौन है और गांव के लोग बीमारियों से जूझ रहे हैं। जबकि योगी सरकार और मोदी सरकार स्वच्छता को लेकर बड़े बड़े दावे कर रही है। गांव के ओमप्रकाश सिंह, रूदल सिंह, हरिलाल, सेचन, राम प्रवेश, रामवृक्ष राम, देवलाल, रवि, बादशाह आदि का कहना है कि उनका जीवन नारकीय हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जल जमाव से बीमारियां फैल रही हैं और ग्राम प्रधान है कि निर्माण के नाम पर सिर्फ धन लूटने में लगे है। अधिकारी है कि शिकायत सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर तत्काल जांच नहीं होती है तो हम आंदोलन करेंगे। जरूरत पड़ी तो लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री का घेराव किया जायेगा।
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