आजमगढ़: पिछले वर्ष 16448 प्राथमिक शिक्षक भर्ती में हुए फर्जीवाड़े से नौकरी से वंचित बीटीसी अभ्यर्थियों ने फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी की मांग उठाई है। सौ से अधिक चिन्हित फर्जी शिक्षकों को नौकरी से बाहर कर रिक्त पदों नियुक्ति की मांग को लेकर रविवार को बीटीसी अभ्यर्थियों ने कुंवर सिंह पार्क में बैठक की। बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि अब तक की जांच में पांच शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो चुका है। इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग बर्खास्तगी की कार्रवाई करने में विलंब कर रहा है। अभी सौ से अधिक शिक्षकों को जांच अधिकारी सुनील सिंह ने फर्जी के रूप में चिन्हित किया है। इनकी जांच पूरी कर इनके खिलाफ भी एफआईआर के साथ बर्खास्तगी की जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि जिले में कुछ ऐसे भी शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, जो 15000 की भर्ती में आवेदन के समय न तो विकलांग प्रमाण पत्र लगाए थे और न ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का ही प्रमाण पत्र लगाए थे। मगर कुछ ही माह बाद 16448 पदों की भर्ती में विकलांग और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित का फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षक बन बैठे। बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि उनकी छह सूत्री मांग पूरी नहीं हुई, तो वे अंदोलन के लिए बाध्य होंगे। बैठक में बीटीसी अभ्यर्थी संघ के अध्यक्ष प्रीतम पांडेय, मंत्री ऋषभ सिंह, सुप्रिया राय, ज्योति पांडेय, अशोक यादव, अंकिता सिंह, बीनू सौरभ, अमिता यादव, राजुल सिंह, संध्या राय, रामानंद सरोज, विकास चौबे, संजय वर्मा, राहुल सिंह, हरेंद्र मौर्य, गरिमा राय, दिनेश मौर्य आदि ने भाग लिया।
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