आजमगढ़। अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में नगर के गुरूघाट स्थित श्री राम जानकी मंदिर में शुक्रवार को भगवान परशुराम की जयंती पूरे वैदिक रीति रिवाज के साथ मनायी गयीं। जयंती का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन व मंत्रोच्चारण पूजन के साथ हुआ। जयंती समारोह को सांबेधित करते हुए महासभा के अध्यक्ष पं0 सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने कहाकि भगवान परशुराम के जीवन से अन्याय व अत्याचार का प्रतिकार करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने अधर्मी एवं अत्याचारी शासकों के विरूद्ध खड़े होने का सज्जन व विद्वत समाज को संदेश दिया। श्री तिवारी ने महर्षि जमद्ग्नि के पुत्र श्री परशुराम श्री विष्णु के आवेशावतार है व शास्त्र व शस्त्र दोनों के पुजारी रहे। लोक मनीषा के अध्यक्ष पं0 जन्मेजय पाठक ने भगवान के जन्म व कर्म दोनों को विशिष्ट बताते हुये कहाकि जब-जब पृथ्वी पर दुराचार व भ्रष्टाचार बढ़ता है तब तब ईश्वर किसी न किसी रूप में आते है। भगवान परशुराम के रूप में प्रभु अवतरित होकर अत्याचारी सहसार्जुन एवं अधर्म के मार्ग पर चल रहे हय-हय वंशियों का विनाश कर पृथ्वी पर सुशासन स्थापित किये, वे आज भी अमर है। महासभा के जिलाध्यक्ष पंडित रामप्रकाश तिवारी ने आभार प्रदर्शन व जिला महामंत्री संजय कुमार पांडेय ने स्वागत किया। अध्यक्षता डा रामजीत तिवारी ने किया। इस मौके पर डा जयशंकर मिश्र, महंथ यदुनाथ पांडेय, पं श्याम पांडेय, पं विश्वदेव उपाध्याय, पं सभई तिवारी, पं श्याम कीर्तिकेय शुक्ला, पं अजय पांडेय, पं अवनीश चतुर्वेदी, पं प्रियेश पांडेय, पं राहुल मिश्र सहित आदि मौजूद रहे।
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