आजमगढ़। केन्द्र सरकार की नोटबन्दी को लेकर काँग्रेस पार्टी द्वारा 28 नवम्बर को प्रस्तावित जनाक्रोश रैली को संदेशात्मक बताते हुए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राना गोस्वामी ने कहा कि नोटबन्दी की अचानक घोषणा से पूरे देश में आम जन जीवन दुष्प्रभावित है साथ ही छोटे उद्योग धन्धे व कारोबार मंदी के कगार पर है। मुद्रा के अभाव में लोग रोजमर्रा की जरूरतें पूरा करने के लिए बैंकों व एटीएम पर लम्बी लम्बी कतारों में घण्टों कष्ट झेलने को मजबूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, मजदूरों व नौजवानों को व्यापक परेशानी हो रही है। वह स्थानीय लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण गृह में रविवार को पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि काँग्रेस कालेधन के खिलाफ, केन्द्र सरकार के नोटबन्दी की कार्यवाही के खिलाफ नहीं है। काँग्रेस की जनाक्रोश रैली सरकार द्वारा पूर्व तैयारी के बगैर की गयी नोट बन्दी से बेहाल परेशान देश की जनता के दुख दर्द को उजागर करने के लिए संदेशात्मक है ताकि मोदी सरकार हठ धर्मिता का परित्याग कर जनता को अतिशीघ्र मुद्रा अभाव से मुक्ति दिलाने हेतु कारगर कदम उठाये। भारत बन्द से एक एक कर विपक्षी दलों के अलग हटने की घोषणा से इसकी सफलता के बाबत पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि काँग्रेस पार्टी प्रतिबद्धता का संदेश अपनी जनाक्रोश रैली के माध्यम से देना चाहती है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष हवलदार सिंह ने बताया कि 28 नवम्बर को स्थानीय मेहता पार्क में जनाक्रोश रैली एवं जनसभा की जायेगी। इसके पूर्व राष्ट्रीय सचिव ने काँग्रेस जनों की तैयारी बैठक की थी।
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