बोंगरिया, आजमगढ़। तरवा थाना क्षेत्र के रासेपुर शिव मन्दिर प्रांगण में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय श्री हरि कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन का शुभारम्भ सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित भाजपा नेत्री मंजू सरोज, अरूण सिंह, हवलदार यादव, दिनेश सरोज योगेन्द्र कुमार गौतम, डा0 लच्छन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्याओं द्वारा-आज प्रभु राम आये हैं बोलो जय सियाराम जय-जय सियाराम भजन गया कर किया गया । गोरखपुर से आये कथावाचक स्वामी ब्रह्मेशानन्द जी ने राम केवट संवाद के दौरान बताया कि केवट ने जब श्री रामचन्द्र जी के चरणों को धोकर नदी पार उतारता है तो श्री रामचन्द्र जी खेवाई के रूप में मंदरी निशानी देने लगते हैं तो वह केवट मंदरी निशानी न लेकर कहता है हम नाव से नदी पार कराते हैं, आप तो भवसागर पार कराते हैं। हे प्रभु बस मुझको भी उस पार तार देना। सन्त ने वहीँ बताया कि लोग तो अपनों घरों में पूजा अर्चन करते हैं और साथ ही में मदिरा, धुम्रपान आदि का सेवन भी करतें हैं। अपने घर का मुर्दा लोग बाहर फेंकने के लिये ले जाते हैं और मरा मुर्गा रसोई घर में पकाकर सेवन करते हैं। भगवान प्रेम के भूखे होते हैं शबरी का उदाहरण देते हुये उहोने विस्तार से बताया। वहीं महात्मा कृष्णानन्द जी ने बताया कि जिस तरह अन्धों के सामने हाथी खड़ा कर दिया जाय और उनसे पूछा जाय कि हाथी किस प्रकार का है तो अन्धा जिस भाग को स्पर्श करेगा उस प्रकार का ही बताता है जिसके सामने हाथी का पैर मिलता तो खम्भे जैसा, कान मिलता है सूप जैसा, पूंछ मिलती तो रस्सी जैसा आदि तरह अपना-अपना अनुभव बताते हैं। अगर किसी आंख वाले व्यक्ति से पूछा जाय या अंधे की आंखो का इलाज कर दिया जाय तो वही उसका वास्तविक रूप विशाल जानवर बताते हैं। यह संसार अंधो की तरह है जो बिना देखे ईश्वर को अलग-अलग रूपों में बताते है जबकि वहीं ब्रह्मज्ञानी संत बताते हैं कि ईश्वर एक है। इस अवसर पर दीपक सिंह, श्री निवास, अनवर खान, नजीर अन्सारी, चन्द्रजीत सरोज, सन्तू सरोज,क्षतिप्रकाश, ओमप्रकाश, शिवनाथ सरोज, बाल किशुन सरोज, मनीष, मनोज मद्धेशिया, राजेन्द्र सरोज, अशोक गिरि, रामप्यारे पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे।
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