आजमगढ़। लक्ष्मी पूजन की आशा के साथ सुख समृद्धि की कामना के साथ खुशहाली का त्यौहार दीपावली का आरम्भ धरतेरस से ही हो जाता है। नगर में धनतेरस के दिन शुक्रवार को लोगों ने जमकर खरीददारी की स्वर्णाभूषणों उपहारों सहित अनेक प्रकार की वस्तुओं की दुकानों सज गयी थी लोगों को आकर्षित करने हेतु दुकानदार, व्यवसायी एवं व्यापारी अनेक प्रकार के आॅफर के साथ अपनी ओर आकर्षित करते रहे। इन दुकानों पर स्त्री पुरूष ग्राहकों की भीड़ लगी रही। लोग धनतेरस के दिन धन लक्ष्मी का पूजन करते हैं और इसी दिन देईपावली हेतु लक्ष्मी - गणेश की प्रतिमा समेत आभूषण और कीमती धातु खयीदने के साथ ही साफ सफाई का कार्य पूर्ण कर लेते है। सायंकाल धन लक्ष्मी का पूजन कर दीप जलाया जाता है। आज के दिन भारतीय चिकित्सा पद्वति के आदि देव भगवान् धनवन्तरी की भी पूजा की जाती है। आयुवेर्दिक चिकित्सकों एवं चिकित्सा संस्थानों पर हवन पूजन कर आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्वति की उपादेयता पर भी चर्चाए की गयी। धन की देवी माता महालक्ष्मी धन वर्षा करती है परन्तु धन के सदुपयोग एवं उसकी रक्षा की जिम्मेदारी शास्त्रों में भगवान् कुबेर को सौंपा गया है इस कारण धन लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की भी आराधना की जाती है। धनतेरस कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को पड़ता है। इस कारण इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है।
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