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परिस्थिति चाहे जो भी हो धर्म के मार्ग को कदापि नही छोडना चाहिए - संत सर्वेश जी महाराज

आजमगढ़ : बाबा भवर नाथ जी मंदिर में चल रही है श्री राम कथा के अन्तिम दिन संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि 'धीरज,धर्म, मित्र ,अरु नारी आपत काल परखिए चारी' अथार्त बुरे समय में इन चार की परीक्षा होती है !
संकट की घड़ी में धर्य को नहीं खोना चाहिए, साहस से काम लेना चाहिए ,परिस्थिति चाहे जो भी हो धर्म के मार्ग को कदापि नही छोडना चाहिए, बुरे समय में मित्र का साथ अवश्य देना चाहिए एवं असली परीक्षा संकट के समय में नारी की होती है जैसे मां जानकी ने प्रभु श्री राम को वनवास हुआ तो राजसुख छोड़कर उनके साथ वन के लिए चल पडती है ! नारी धर्म यही होता है कि पति चाहे जिस हाल में हो उसका साथ कभी न छोड़े वास्तव में वही नारी है जो पति के दुख सुख में साथ रहे।
उन्होंने जटायु को मोक्ष, बाली वध, सुग्रीव मित्रता और लंका दहन की कथा को विस्तार पूर्वक सुनते हुए कहा कि धैर्य  व सब्र माता सबरी जैसा होना चाहिए सबरी की भक्ति,निष्ठा और विश्वास का ही परिणाम है कि प्रभु श्रीराम खुद चल कर उसकी कुटिया में जाते हैं और प्रेम पूर्वक उसके जूठे बेर को भी ग्रहण करते हैं यह सच्ची निष्ठा भक्ति और विश्वास का ही उदाहरण है ! प्रभु आपको अवश्य प्राप्त होंगे बस आपका मन निर्मल और सच्चा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है वहां ईश्वर का वास होता है लक्ष्मी जी सदा उस घर में विराजमान रहती है और जहां नारी का अपमान होता है उस घर में शैतान वास करते हैं।  परेशानियों व दुखों से वह घर गिरा रहता है आगे कथा में मेघनाथ, कुंभकरण वध तथा लक्ष्मण शक्ति की कथा को सुनाया उन्होंने कहा कि विभीषण राक्षस कुल में पैदा होकर भी ईश्वर की भक्ति के मार्ग को चुना ठीक उसी प्रकार आपको भी भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए यही वह रास्ता है जो सीधा आपको भगवान से मिलाता है।  मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का मनुष्य तनिक भी अनुसरण कर ले तो उसका जीवन पावन हो जाएगा।  रावण के वध की कथा और श्रीराम राज्याभिषेक की कथा को भी उन्होंने संगीत गीत के माध्यम से विस्तारपूर्वक सुनाया। यहीं पर कथा का समापन हो गया और  आरती व प्रसाद का वितरण किया गया।  कथा के अंतिम दिन मुख्य रूप से डॉक्टर जे एन सिंह, विपिन सिंह डब्बू, डॉ० जे पी मिश्र, इंदल उपाध्याय, रामप्रीत मिश्र, अनिल सिंह मामा, राजेश रंजन, हरि सिंह, डॉ० दिनेश कुमार शर्मा, पप्पू अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, वरुण राय, गिरधारी सिंह,प्रभु सिंह के साथ साथ पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था !

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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