आज़मगढ़ 26 अप्रैल 2016-- जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि जनपद आजमगढ़ के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-233 के निर्माण में कृषको के प्रतिकर भुगतान के संबंधित प्राप्त शिकायतों पर जांचोपरान्त त्वरित कार्यवाही हेतु इस कार्यालय के आदेश संख्या 8164/ओ0एस0डी0-05/2016 दिनांक 16 अप्रैल 2016 के द्वारा निम्नलिखित अधिकरियों की तीन सदस्यीय टास्कफोर्स समिति गठित की गई हैः-
1.अपर जिलाधिकारी (वितत् एवं राजस्व), आजमगढ़।
2.अपर पुलिस अधीक्षक नगर, आजमगढ़।
3.बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी, आजमगढ़।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-233 के निर्माण में प्रतिकर के निर्धारण एवं भुगतान के संबंध में विश्वस्त सूत्रों से गम्भीर शिकायतें संज्ञान में आ रही है। अतः उक्त मार्गो के निर्माण में पूर्ण पारदर्शिता के साथ नियमानुसार कृषकों के प्रतिकर निर्धारण/वितरण व सम्बद्ध अधिकारियों/कर्मचारियों सहित टास्कफोर्स टीम के कार्यो के अनुश्रवण हेतु मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ़ को इस पूरे प्रकरण में ओवर-आल प्रभारी नामित किया जाता है एवं अपेक्षा की जाती है कि वह प्रतिकर भुगतान के संबंध में आने वाली निम्नलिखित प्रमुख शिकायतों को संज्ञान में लेकर उसपर त्वरित कार्यवाही अपने स्तर से सुनिश्चित करायेंः-
1. नियम विरूद्ध प्रतिकर के निर्धारण एवं भुगतान की प्राप्त शिकायतों जांच कर दोषी पाये जाने पर संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डाण्मक कार्यवाही सहित आर्थिक गबन का दोषी पाते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाये।
2. विभिन्न क्षेत्रों में सीधे-साधे कृषकों को अपने जाल में फंसाकर प्रतिकर भुगतान कराने के नाम पर कर्मचारियों की मिलीभगत से काफी संख्या में दलाल सक्रिय हो गये हैं अतः इसपर त्वरित अंकुश लगाते हुए दलालो को चिन्हित कर उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये।
3. संज्ञान में आया है कि कतिपय मामलों में कृषकों द्वारा वांछित अभिलेख जमा करा लिये जाने के बावजूद कर्मचारियों द्वारा जान-बूझकर विलम्ब किया जाता है। ऐसे प्रकरणों की नियमित समीक्षा/अनुश्रवण आवश्यक है।
4. संज्ञान में आया है कि प्रतिकर भगुतान होने के तत्काल बाद एक निश्चित धनराशि कतिपय कृषको के खातों से आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से भिन्न संदिग्ध व्यक्ति के खातों में ट्रांसफर की गई हैं , जिसके विषय में जांचोपरान्त कार्यवाही आवश्यक है।
5. संज्ञान में आया है कि कृषको को न तो उनके प्रतिकर की धनराशि की जानकारी दी जाती है और न ही उन्हें कौन-कौन से अभिलेख जमा करने हैं इसकी पूर्ण जानकारी रहती है, फलस्वरूप उन्हें बाध्य होकर दलालो के जाल में फसना पड़तां तथा किसी दलाल का सहारा न लें। यदि किसी व्यक्ति द्वारा उससे अवैध धनराशी की मांग की जाती है तो उसका नाम व नम्बर मुख्य विकास अधिकारी-9454464584, अपर जिलाधिकारी (वि0रा0)-9454417592, अपर पुलिस अधीक्षक नगर-9454401017, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी- 9454417926 व बन्दोबस्त अधिकारी चक0-9456466126 को नोट करायें।
6. संज्ञान में आया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-233 एवं लखनऊ से बलिया तक प्रसतावित पुर्वान्चल एक्सप्रेसवेज के निर्माण की अधिसूचना जारी होने के पश्चात अधिक प्रतिकर प्राप्त किये जाने की दृष्टि से कृषको को बहला-फुसलाकर उनकी जमीन का बैनामा कराया गया है इसमें विभागीय कर्मचारियो व उनके संबंधी सहित काफी लोग संलिप्त हैं अतः ऐसे बैनामो का तिथिवार विवरण तैयार कराकर कर्मचारियो की संलिप्तता की जांच कराकर तदनुसार कार्यवाही कराई जाये।
7. ऐसा संज्ञान में लाया गया है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से ग्रामसभा भूमि का भी गलत ढ़ग से प्रतिकर निर्धारण कराते हुए उसका भुगतान करा दिया गया है।
1.अपर जिलाधिकारी (वितत् एवं राजस्व), आजमगढ़।
2.अपर पुलिस अधीक्षक नगर, आजमगढ़।
3.बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी, आजमगढ़।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-233 के निर्माण में प्रतिकर के निर्धारण एवं भुगतान के संबंध में विश्वस्त सूत्रों से गम्भीर शिकायतें संज्ञान में आ रही है। अतः उक्त मार्गो के निर्माण में पूर्ण पारदर्शिता के साथ नियमानुसार कृषकों के प्रतिकर निर्धारण/वितरण व सम्बद्ध अधिकारियों/कर्मचारियों सहित टास्कफोर्स टीम के कार्यो के अनुश्रवण हेतु मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ़ को इस पूरे प्रकरण में ओवर-आल प्रभारी नामित किया जाता है एवं अपेक्षा की जाती है कि वह प्रतिकर भुगतान के संबंध में आने वाली निम्नलिखित प्रमुख शिकायतों को संज्ञान में लेकर उसपर त्वरित कार्यवाही अपने स्तर से सुनिश्चित करायेंः-
1. नियम विरूद्ध प्रतिकर के निर्धारण एवं भुगतान की प्राप्त शिकायतों जांच कर दोषी पाये जाने पर संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डाण्मक कार्यवाही सहित आर्थिक गबन का दोषी पाते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाये।
2. विभिन्न क्षेत्रों में सीधे-साधे कृषकों को अपने जाल में फंसाकर प्रतिकर भुगतान कराने के नाम पर कर्मचारियों की मिलीभगत से काफी संख्या में दलाल सक्रिय हो गये हैं अतः इसपर त्वरित अंकुश लगाते हुए दलालो को चिन्हित कर उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये।
3. संज्ञान में आया है कि कतिपय मामलों में कृषकों द्वारा वांछित अभिलेख जमा करा लिये जाने के बावजूद कर्मचारियों द्वारा जान-बूझकर विलम्ब किया जाता है। ऐसे प्रकरणों की नियमित समीक्षा/अनुश्रवण आवश्यक है।
4. संज्ञान में आया है कि प्रतिकर भगुतान होने के तत्काल बाद एक निश्चित धनराशि कतिपय कृषको के खातों से आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से भिन्न संदिग्ध व्यक्ति के खातों में ट्रांसफर की गई हैं , जिसके विषय में जांचोपरान्त कार्यवाही आवश्यक है।
5. संज्ञान में आया है कि कृषको को न तो उनके प्रतिकर की धनराशि की जानकारी दी जाती है और न ही उन्हें कौन-कौन से अभिलेख जमा करने हैं इसकी पूर्ण जानकारी रहती है, फलस्वरूप उन्हें बाध्य होकर दलालो के जाल में फसना पड़तां तथा किसी दलाल का सहारा न लें। यदि किसी व्यक्ति द्वारा उससे अवैध धनराशी की मांग की जाती है तो उसका नाम व नम्बर मुख्य विकास अधिकारी-9454464584, अपर जिलाधिकारी (वि0रा0)-9454417592, अपर पुलिस अधीक्षक नगर-9454401017, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी- 9454417926 व बन्दोबस्त अधिकारी चक0-9456466126 को नोट करायें।
6. संज्ञान में आया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-233 एवं लखनऊ से बलिया तक प्रसतावित पुर्वान्चल एक्सप्रेसवेज के निर्माण की अधिसूचना जारी होने के पश्चात अधिक प्रतिकर प्राप्त किये जाने की दृष्टि से कृषको को बहला-फुसलाकर उनकी जमीन का बैनामा कराया गया है इसमें विभागीय कर्मचारियो व उनके संबंधी सहित काफी लोग संलिप्त हैं अतः ऐसे बैनामो का तिथिवार विवरण तैयार कराकर कर्मचारियो की संलिप्तता की जांच कराकर तदनुसार कार्यवाही कराई जाये।
7. ऐसा संज्ञान में लाया गया है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से ग्रामसभा भूमि का भी गलत ढ़ग से प्रतिकर निर्धारण कराते हुए उसका भुगतान करा दिया गया है।
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