केबिल बिछाने में ईट का नहीं हो रहा सही इस्तेमाल
गहराई पर ऊर्जा राज्यमंत्री भी जता चुके हैं आपत्ति
आजमगढ़। जी हां! भूमिगत बिजली मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने शहर के लोगों से भूमिगत बिजली का वादा किया था। उन्होंने यह सौगात दी भी। जिला मुख्यालय पर भूमिगत बिजली के लिए केबिल बिछाने का काम चल रहा है। लेकिन इस काम में खुलेआम मानक की अनदेखी की जा रही है। उपभोक्ताओं के लिए लगाये जा रहे बाक्स को लेकर स्वयं ऊर्जा राज्य मंत्री ने नाराजगी जताई थी लेकिन आज तक इसमें सुधार नहीं किया गया। यही नहीं केबिल बिछाने में भी मानक की अनदेखी हो रही है। जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है लेकिन इस तरफ न तो किसी मंत्री का ध्यान जा रहा है और ना ही विधायक का।
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने अपने विधानसभा चुनाव अभियान का आगाज शहर के आईटीआई मैदान से किया था। उस समय सपा मुखिया मुलायम सिंह की उपस्थिति में सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए भूमिगत विद्युत तार बिछाने को वादा किया था। सपा सत्ता में आयी तो मुख्यमंत्री बने अखिलेश यादव अपनी पहली ही सभा में इसकी घोषणा किये। पिछले डेढ़ साल से जिले में भूमिगत केबिल बिछाने का काम चल रहा है। शहर के हरबंशपुर, सिविल लाइंस, रोडवेज, नरौली, सर्फूद्दीनपुर, तकिया, काली चौरा, एवल आदि क्षेत्रों में इसका कार्य पूर्ण हो चुका है। नगरपालिका आदि क्षेत्र में केबिल बिछाने का काम चल रहा है। जगह-जगह बाक्स भी लगाये जा रहे हैं। नियमानुसार केबिल बिछाते समय बालू और ईट का प्रयोग होना चाहिए लेकिन बालू और ईट के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ बाक्स व केबिल की गहराई भी कम है। एक सप्ताह पूर्व ऊर्जा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने केबिल बिछाने के कार्य का निरीक्षण किया तो उन्होंने गहराई को लेकर नाराजगी जताई थी। साथ ही कार्यदायी संस्था के प्रबंधक को निर्देशित किया था कि गहराई को बढ़ाया जाय लेकिन संस्था के लोग निर्देश की खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में बरसात के समय इनके कटने का खतरा बना हुआ है। यदि ऐसा हुआ तो यह जानलेवा साबित होगी। यही नहीं इसका सीधा असर विद्युत व्यवस्था पर भी पड़ेगा। आम आदमी भी काम से खुश नहीं है लेकिन वह कर भी क्या सकता है। अधिकारी है कि इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे है। अधीक्षण अभियंता विद्युत कहते हैं कि मंत्री के निर्देश का पालन किया जा रहा है। साथ ही मानक का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। वैसे इनके दावों की हकीकत मौके पर जाकर देखी जा सकती है।
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